-एक साल से मामले में नहीं हुई कोई प्रगति

-नेम्ड एफआईआर के बावजूद नहीं किया गया प्रभात शर्मा को अरेस्ट

-मुंबई क्राइम ब्रांच के जांच से सैटिस्फायड नहीं है चारूदत्त देशपांडेय की फैमिली

-इस कारण होम मिनिस्टर ने की सीबीआई जांच की अनुशंसा

द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल टाटा स्टील कॉरपोरेट कम्यूनिकेशंस के पूर्व चीफ चारूदत्त देशपांडे के सुसाइड मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लंबे समय से ठंडे पड़े इस मामले में एक बार फिर से तेजी आई है। चारूदत्त देशपांडे की फैमिली के रिक्वेस्ट पर महाराष्ट्र गवर्नमेंट ने इस मामले की अब सीबीआई जांच करवाने का डिसीजन लिया है। अब एक बार फिर से टाटा स्टील ऑफिशियल्स से मामले में पूछताछ का दौर स्टार्ट होने की पॉसिबलिटिज बढ़ गई है। अगर सीबीआई जांच शुरू होती है, तो कई लोगों की परेशानी बढ़ सकती है।

जून 2013 में फांसी लगाकर किया था सुसाइड

चारूदत्त देशपांडेय जब टाटा स्टील कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन के चीफ थे, उस वक्त उन्हें अपने सहयोगियों की काफी प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी। फो‌र्ब्स मैगजीन में छपे उनके इंटरव्यू को लेकर भी उन्हें परेशान करने की बात सामने आई थी। इस बीच उन्होंने परेशान होकर नौकरी छोड़ दी और मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजर रहे थे और इस क्रम में उन्होंने महाराष्ट्र के वसई स्थित अपने घर में 28 जून 2013 को फांसी लगा ली थी।

लेकिन कुछ नहीं हुआ हासिल

22 और 23 जुलाई 2013 को मुंबई पुलिस की टीम सिटी में थी और टाटा स्टील कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन के साथ ही चमरिया गेस्ट हाउस के कर्मियों से भी पूछताछ की गई। बाद में पुलिस कई बार सिटी पहुंची और मामले की जांच की, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। पुलिस के हाथ देशपांडे की डायरी व कुछ डॉक्यूमेंट्स भी लगे थे, जिससे यह पता चला कि वे काफी तनाव में थे। इस मामले की जांच एक साल से चल रही है, लेकिन अब तक मामले में कोई एक्शन नहीं लिया जा सका है। पुलिस की लचर जांच से परेशान चारूदत्त के फैमिली मेंबर्स ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की थी।

दो सहकर्मियों के बिहैव से थे परेशान

चारूदत्त देशपांडे पत्रकार भी थे। मुंबई प्रेस क्लब भी इस मामले में काफी इंट्रेस्ट ले रहा है। मुंबई प्रेस क्लब ने द्वारा वहां के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर के हवाले से यह भी कहा जा चुका है कि उन्हें कोई फैमिली प्राब्लम नहीं थी। वे अपने कार्यकाल के दौरान दो सहकर्मियों के बिहैव से परेशान थे। देशपांडे आईएल-2 लेवल के अधिकारी थे, इसके बावजूद उन्हें प्रोबेशन के बाद परमानेंट नहीं किया गया था। इस संबंध में उन्होंने सीनियर ऑफिशियल से मिलना भी चाहा, लेकिन मिलने नहीं दिया गया था। इसके अलावा उनकी यात्रा संबंधी 36 प्रपोजल्स में से केवल 2 को ही मंजूरी दी गई थी।

एक नजर इधर भी

-चारूदत्त देशपांडे 28 जून 2013 को महाराष्ट्र के वसई स्थित अपने घर में फांसी के फंदे पर लटके मिले थे।

-इस मामले में फो‌र्ब्स मैगजीन के फॉर्मर एडिटर की कम्प्लेन पर टाटा स्टील कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन के तात्कालीन हेड प्रभात शर्मा के खिलाफ कम्प्लेन दर्ज की गई थी।

-इस कम्प्लेन के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने सिटी पहुंच कर टाटा स्टील के अधिकारियों से पूछताछ भी की है।

-इसके बाद प्रभात शर्मा ने वसई सेशन कोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल फाइल किया था, लेकिन कोर्ट ने उसे रिजेक्ट कर दिया था।

-बाद में टाटा स्टील द्वारा प्रभात शर्मा का ट्रांसफर जमशेदपुर से दूसरी जगह कर दिया गया।

-जांच के घेरे में आए वीपी पार्थो सेनगुप्ता को भी कार्रवाई झेलनी पड़ी।

-इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने टाटा स्टील के अधिकारियों के हजारों ई-मेल खंगाले थे।

-अब 8 जुलाई को चारूदत्त देशपांडेय की वाइफ निवेदिता ने महाराष्ट्रा के होम मिनिस्टर से मुलाकात कर इंडिपेंडेंट एजेंसी से मामले की जांच की मांग की थी।

-इसके बाद 10 जुलाई को मुंबई प्रेस क्लब के प्रेसिडेंट गुरबीर सिंह ने भी होम मिनिस्टर से मुलाकात कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।