- चौबेपुर में बृजेश के करीबी की हत्या मामले में पुलिस ने चार लोगों को किया नामजद, तीन हिरासत में एक फरार

- पुलिस जमीन विवाद को मान रही है हत्या की वजह, जबकि बीकेडी की मुखबिरी के कारण हत्या की बात से नहीं किया जा रहा है इनकार

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ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ : चौबेपुर के धरहरा गांव में सोमवार की देर रात हुई माफिया बृजेश के करीबी रहे सत्येन्द्र की हत्या बीकेडी की मुखबिरी के चलते हुई है। हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस वारदात के पीछे ऐसी किसी भी बात से इनकार कर रही है और हत्या के पीछे गाजीपुर खानपुर की एक जमीन का विवाद बता रही है। पुलिस का कहना है कि खानपुर में एक जमीन को लेकर सत्येन्द्र का पड़ोस के अपने ही पट्टीदार भोला, अंगद, रामजी और आशीष से पुराना विवाद है। इसके कारण दोनों पक्षों में पिछले दिनों कहासुनी भी हुई थी। जिसके बाद इसी रंजिश के कारण इस हत्या को अंजाम दिया गया है। पुलिस ने मंगलवार को सत्येन्द्र के भाई बृजेश की तहरीर पर इन चार लोगों के खिलाफ नामजद और कुछ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर भोला, आशीष, रामजी समेत दो अज्ञात को हिरासत मे ले लिया है जबकि अंगद अभी फरार है।

कई बार कर चुका है मुखबिरी

सत्येन्द्र की जान का दुश्मन भी बीकेडी गैंग ही था। इस बारे में पुलिस बहुत कुछ बोलने को तैयार नहीं है लेकिन इलाके के लोगों का कहना है कि माफिया बृजेश सिंह के भाई सतीश की हत्या और उसके करीबी अजय खलनायक पर हुए हमले के मामले में फरार चल रहा बृजेश गैंग का दुश्मन बीकेडी इस हत्याकांड में शामिल हो सकता है। गांव के लोगों के मुताबिक बृजेश के भाई सतीश की जुलाई 2013 में हुई हत्या के बाद बीकेडी कई बार पुलिस से बचने के चक्कर में अंगद और भोला के घर में आकर छुपता था। सत्येन्द्र का घर भोला और अंगद के पड़ोस में ही है। इसलिए हर बार सत्येन्द्र इसकी सूचना पुलिस को दे देता था। जिसके बाद दो बार पुलिस ने अंगद के घर पर रेड डालकर बीकेडी को पकड़ने का प्रयास किया लेकिन बीकेडी भाग निकला। इसके बाद पुलिस ने अंगद को अरेस्ट भी किया था और अंगद का नाम बीकेडी के शरणदाताओं में शुमार हो चुका था। जिससे अंगद सत्येन्द्र से खार खाये बैठा था।

दी थी धमकी!

अंगद और सत्येन्द्र के बीच चल रही ये अदावत बढ़ती ही जा रही थी। गांव के कुछ लोगों ने बताया कि अभी कुछ ही दिन पहले अंगद और सत्येन्द्र आमने सामने आ गए थे और दोनों में मारपीट की नौबत आ गई थी लेकिन लोगों ने बीच बचाव कर मामला शांत कराया था। इस दौरान अंगद ने सत्येन्द्र को जान से मारने और देख लेने की भी धमकी दी थी। हालांकि पुलिस इस पूरी मामले को खारिज करते हुए हत्या के पीछे खानपुर गाजीपुर में एक जमीन के विवाद को घटना की मेन वजह मान रही है। पुलिस के मुताबिक गोमती नदी के किनारे सत्येन्द्र की एक जमीन है। इस जमीन के पास ही भोला और अंगद समेत रामजी और आशीष की जमीन है। 20 सालों से बाढ़ का पानी हर बार मेड़ को काटते हुए दोनों की जमीन में आ जाता है। जिसे लेकर दोनों का विवाद है।

बृजेश का साथी रहा है सत्येन्द्र

धरहरा में सोमवार देर रात घर के बाहर सोते वक्त बदमाशों की गोली का शिकार हुए सत्येन्द्र का माफिया बृजेश से पुराना नाता रहा है। हालांकि पिछले कुछ सालों से सत्येन्द्र ने अपराध जगत को छोड़ दिया था। सत्येन्द्र के परिवार वालों के मुताबिक वह पिछले कई सालों से खेती बारी करके जीविका चला रहा था। हालांकि पुलिस रिकॉर्ड पर गौर करे तो सत्येन्द्र पर हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी समेत कई और आपराधिक धाराओं में कुल आठ मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सत्येन्द्र बृजेश सिंह गैंग के साथ एक हत्या में भी शामिल रहा है।

बीकेडी की मुखबिरी पहले भी ले चुकी है जान

ये कोई पहला वाकया नहीं है कि फरार चल रही बीकेडी या उसके किसी करीबी की मुखबिरी में किसी की जान गई हो। मई 2014 में ही गाजीपुर खानपुर में टीचर राजनाथ यादव को बीकेडी के करीबी नामवर यादव की फोटो और डिटेल मुहैया कराने का खामियाजा अपनी जान देकर चुकानी पड़ी था। ऐसा ही हाल इन दिनों धरहरा गांव में भी है। यहां दो गुट बंट गया है। एक गुट बृजेश गैंग का खास है और दूसरा बीकेडी गैंग का। जिसके कारण ये गैंगवार अब गांव में ही फैलती दिख रही है।