-पड़ोसी के घर में घुसकर पत्नी से रेप और लूटपाट की, ग्रामीणों ने पकड़ा

-साथी भागने में कामयाब हो गए, हवालात के बजाय बैरक में चारपाई में लेटने की व्यवस्था की गई

-दिन भर थाना परिसर में घूमता रहा, न हथकड़ी और न ही निगरानी की गई

KANPUR@inext.o.in

KANPUR : कानून में भले रेप और लूट को संगीन अपराध की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन शायद चौबेपुर पुलिस रेप और लूट को अपराध नहीं मानती है। तभी चौबेपुर में रविवार को घर में घुसकर युवती से रेप और लूटपाट करने वाले दरिन्दे की थाने में मेहमान नवाजी की जा रही थी। उसे थाने की हवालात में रखने के बजाय बैरक में रखा गया था, जहां पर वो पंखे के नीचे चारपाई पर लेटा था। पीडि़त परिवार समेत ग्रामीणों ने विरोध जताया तो पुलिस ने उनको यह कहकर टरका दिया कि तुम्हारी रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। अब आरोपी के साथ क्या करना चाहिए, यह हम लोगों को पता है।

आरोपी पर इतनी मेहरबानी क्यों?

पुलिस आरोपी पर इतना मेहरबान थी कि उसको थाना परिसर में कहीं भी जाने की इजाजत थी, सवाल यह है कि पुलिस आरोपी से इतना मेहरबान क्यों थी? इस बाबत चौबेपुर एसओ राजकुमार यादव से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। चौबेपुर में रहने वाले राकेश गुप्ता पेशे से ड्राइवर हैं। उसके परिवार में पत्नी संजना (दोनों काल्पनिक नाम) और एक बेटा है। शनिवार की रात को संजना बेटे के साथ छत पर सो रही थी कि तभी पड़ोसी मनीष साथी बदमाशों के संग उनके घर में घुस गया। आरोप है कि मनीष ने पहले संजना के साथ रेप किया और फिर साथियों समेत घर से 20 हजार की नगदी समेत अन्य सामान लूटकर भागने लगा। शोर शराबे को सुनकर ग्रामीणों की नींद खुल गई। उन्होंने दौड़ाकर मनीष को तो पकड़ लिया, लेकिन उसके साथी भाग निकले। ग्रामीणों ने उसको पीटते हुए पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

शुरुआत से ही मेहरबानी थी पुलिस

ग्रामीणों ने भले ही रेप और लूट करने वाले दरिन्दे को पुलिस के सुपुर्द कर दिया था, लेकिन पुलिस उसको आरोपी के बजाय मेहमान की व्यवहार कर रही थी। पुलिस सबसे पहले मेहरबानी दिखाते हुए लूट की धारा हटा दी, जबकि राकेश ने उसके खिलाफ पत्नी रेप और लूट का आरोप लगाया था। पुलिस उस पर रेप और चोरी की धारा में कार्रवाई की। पीडि़त ने आरोपी और उसके अज्ञात साथियों के खिलाफ तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने सिर्फ आरोपी को ही नामजद कर रिपोर्ट दर्ज की। पीडि़त पक्ष का आरोप है कि पुलिस उसको बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

स्टाफ की तरह चारपाई में लेटा था

रेप जैसे संगीन आरोपी पर एसओ इतना मेहरबान थे कि उन्होंने आरोपी को हवालात के बजाय बैरक में सिपाहियों के साथ रखा था, जहां पर वो पंखे के नीचे चारपाई पर आराम से लेटा था। पुलिस उससे स्टाफ की तरह व्यवहार कर रही थी। उसके हाथ पर न तो हथकड़ी लगाई गई और न ही उसकी निगरानी में किसी सिपाही को लगाया था। वो दिन भर खुलेआम थाना परिसर में घूमता रहा। इस दौरान बैरक में ही रिश्तेदार और दोस्तों की भी उसकी मुलाकात कराई गई, जहां पर वो उनके साथ घंटों पंचायत करता रहा।