- छात्र संघ चुनाव को लेकर शासन ने भी हाथ खींचे

- प्रशासन ने फोर्स देने से किया साफ इंकार

- कॉलेज और यूनिवर्सिटी के साथ हुई मीटिंग

- एक को नामांकन, दो को वापसी और 13 को चुनाव

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी को आखिरकार चुनाव की डेट चेंज करनी पड़ गई। शासन के निर्देश पर मंगलवार को जिला प्रशासन और यूनिवर्सिटी प्रशासन के साथ मीटिंग करके चुनाव की डेट पर मंथन के निर्देश दिए। मंगलवार को जिला प्रशासनिक अधिकारियों और यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक अधिकारियों की मीटिंग हुई, जिसमें कॉलेज के चुनाव अधिकारी भी शामिल हुए। इस दौरान फोकस चुनाव के दौरान फोर्स की कमी पर रहा। और आखिर में चुनाव को आगे बढ़ाए जाने पर मोहर लग गई। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी मीटिंग कर डेट तय कर दी।

यह था सीन

गत क्फ् अक्टूबर को हुई मीटिंग में यूनिवर्सिटी ने छात्र संघ चुनावों की डेट तीन नवंबर ख्0क्ब् तय की थी। जिसमें ख्8 को नामांकन और ख्9 को नाम वापसी होना तय हुआ था। इसके बाद तीन नवंबर को चुनाव होने थे। आखिर में मामला राजनीतिक हो गया। सत्ता के पाले में गेंद पहुंच गई। जहां शासन और प्रशासन दोनों ने ही फोर्स देने से साफ इंकार कर दिया था। फिर मामला तय हुआ कि डेट कैसे पीछे हटाई जाए। जिसके लिए प्रशासन और शासन ने मोहर्ररम और गंगा स्नान के दौरान फोर्स की खपत दिखाते हुए डेट को आगे बढ़ाने पर निर्णय लेने को निर्देश दिए।

डेट हुई तय

यूनिवर्सिटी और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुई मीटिंग में डेट बढ़ाने पर निर्णय हो गया। इसके बाद यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर ने अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग की। जिसमें ऐसी डेट तय करने पर मंथन हुआ जब फोर्स मौजूद रहे। काफी देर चली मीटिंग के बाद आने वाला क्फ् नवंबर का दिन चुनाव के लिए तय किया गया। वहीं स्टूडेंट्स के नामांकन की डेट एक नवंबर और नाम वापसी की डेट दो नवंबर रखी गई। इस दौरान फोर्स की अधिक जरूरत नहीं होगी। लेकिन चुनाव के दौरान फोर्स की अधिक जरूरत होगी। जिसमें बवाल की संभावनाएं तेज होती हैं।

यह रखे गए कारण

चुनाव की डेट क्फ् नवंबर तय करते हुए उसके कारणों को रखा गया। जिसमें यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि चार, पांच और छह नवंबर को छुट्टी है। जिसमें गंगा स्नान के साथ मोहर्ररम की छुट्टियां हैं। साथ ही इस दौरान फोर्स की अधिक जरूरत होती है। इससे पहले एक व दो नवंबर को नामांकन व नाम वापसी में कोई दिक्कत नहीं होगी। फिर सात, आठ व नौ नवंबर को फिर छुट्टी होगी। ऐसे में काम करने के लिए समय चाहिए। कैंडीडेट्स और स्टूडेंट्स वोटर्स के संबंध में सभी कार्य दस, ग्यारह नवंबर को कर लिया जाएगा। साथ ही क्फ् नवंबर को चुनाव करा दिए जाएंगे।

डेट पर ऐसे शुरू हुआ पंगा

यूनिवर्सिटी द्वारा जारी डेट का सपा छात्र सभा ने विरोध किया। इसके संबंध में प्रशासन और शासन तक रिपोर्ट भेज दी गई। मामला सत्ता से जुड़ा था, इसलिए संज्ञान तो लेना जरूरी था। यूनिवर्सिटी के साथ ही आरजी डिग्री कॉलेज, कनोहर लाल डिग्री कॉलेज और शहीद मंगल पांडे डिग्री कॉलेज ने भी सेम डेट ही तय कर दी थी। इसके चलते सभी जगह फोर्स की जरूरत थी। इस टाइम में फोर्स उपलब्ध नहीं होने का कारण प्रशासन की ओर से शासन को भेज दिया गया। जिसमें प्रशासन ने भी काफी रूचि ली। आखिर में डेट आगे बढ़ाकर क्फ् नवंबर कर दी गई।

वर्जन

शासन और प्रशासन के द्वारा फोर्स उपलब्ध नहीं होने के कारण डेट आगे बढ़ानी पड़ी है। क्फ् नवंबर के अलावा कोई सही डेट नहीं दिखी। क्योंकि ब्, भ् व छह को छुट्टी है और फोर्स गंगा स्नान व मोहर्ररम में बिजी है। इसके बाद 7, 8 व 9 नवंबर को भी छुट्टियां हैं। इसके बाद बचे दिनों में काम हो सकता है। इसलिए क्फ् नवंबर को ही चुनाव होने तय किए गए हैं।

- वीसी गोयल, वाइस चांसलर, सीसीएसयू मेरठ