विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है, ऐसा कोई नहीं है जो इन दिनों चुनावी चर्चाओं से अपने को दूर रख सके। चाहे बात साइकिल की हो या फिर गठबंधन के बाद शहर में बदलने वाली सियासी फिजा की। बनारस में तो हर चाय-पान की अड़ी पर चुनावी बतकही ऐसी हो रही है मानो विधानसभा की बहस चल रही हो। चुनावी चर्चाओं की नब्ज टटोलने आई नेक्स्ट की टीम जब शिवपुर विधानसभा के हीरावनपुर स्थित नत्थु यादव की चाय के दुकान पर पहुंची तो गवर्नमेंट इम्प्लाईज से लेकर स्टूडेंट्स, बिजनेसमैन सहित आम आदमी अपनी-अपनी चर्चाओं में मशगूल रहे।

आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने बस पूछ दिया कि क्या लगता है, कौन जीतेगा इस बार? - जलती चाय की कुल्हड़ बड़ी ही सावधानी से पकड़ते हुये रोहित मिश्रा बोले कि देखिए भाई साहब, उन्हें इस बार नहीं चुनना है जो सिर्फ वादों की एक्सप्रेस दौड़ाते हैं, जमीन पर रहकर काम करने वाले जनप्रतिनिधि को इस बार चुना जाएगा,

रोहित कुछ और बोलते -तब तक अवशेष पांडेय रोकते हुए बोले कि देखिए जो भी आता है तो बड़े-बड़े वादे और दावे कर वोट मांगता है लेकिन जब एक बार विधायक बन जाता है तब जनता को भूल जाता है। -अपनी चाय की कुल्हड़ मुंह से हटाते हुए अशोक पांडेय बड़े ही तेवर में बोले की चुनाव जीतने के लिए जितना दिमाग नेताजी लोग लगाते हैं यदि उतना विकास कार्यो में लगाते तो शायद शिवपुर विधानसभा की तस्वीर कुछ और होती। -चाय की कुल्हड़ डस्टबीन में फेंकते हुये राजकुमार राय ने कहा कि वादा था कि सड़कें गड्ढ़ामुक्त होगी, सीवर की समस्याएं समाप्त हो जाएंगी और गांवों में हैंडपंप की कमी नहीं होगी। अफसोस यह सब हवाहवाई ही रहा। चाय की केतली भठ्ठी से हटाते हुये दुकानदार नत्थु यादव बोले कि देखा भईया लोगन इ सब राजनीति हव, जे भी चुनाव जीती पहिले आपन पेट भरी। करोड़ों करोड़ रुपया चुनऊवा में खर्चा होला, ऊ कइसे पूरा होई। - तभी विवेक पांडेय बोले कि ठीक है, इस बार जनता सोच समझकर ही अपना जनप्रतिनिधि चुनेगी।

इस विधानसभा की बहुत बुरी स्थिति है, जर्जर तार सड़कों पर गिर रहे हैं, गलियों की स्ट्रीट लाइटें खराब रहती हैं, कई गांवों में हैंडपंप सूखे पड़े हुये हैं। अभी भी कितनी सड़कें गड्ढ़ामुक्त होने के इंतजार में है। और तो और जनता अपनी समस्या लेकर विधायक के पास जाती है तो पता चलता है कि विधायक जी अभी लखनऊ में हैं। दौड़ते रहिये नेताजी जल्दी मिलेंगे नहीं।

रोहित मिश्रा, तिलमापुर

राजनीतिक दलों से इस बार जनता को सावधान रहने की जरूरत है। दलों की नहीं बल्कि प्रत्याशी का प्रोफाइल देखकर वोट दिया जाएगा। नेताओं के खेल को जनता अभी समझ रही है। जाति-धर्म पर वोट नहीं बंटेंगे। जाति धर्म से उठकर इस बार वोट देना है। राजनीतिक पार्टियां जनता की भावना को ठेस पहुंचाकर अपना उल्लू सीधा कर लेती हैं।

अवशेष पांडेय, फरीदपुर

ईमानदार, कर्मठ और शिक्षित प्रत्याशी को ही शिवपुर विधानसभा का विधायक चुना जाएगा। वर्तमान विधायक के काम-काम पर ऊंगली नहीं उठा रहा हूं लेकिन जनता की शिकायतों को दरकिनार भी नहीं कर सकता। ऐसा कैंडीडेट चाहिए जो जनता के मर्म को समझे। ऐसा नहीं कि सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाए।

विवेक पांडेय, अल्लोपुर

यह समझ से परे है कि जब चुनाव आता है तभी नेताजी लोग फास्ट होते हैं, चुनाव जीतने के बाद चार साढ़े चार साल तक क्षेत्र में नहीं दिखते हैं। अभी कई ऐसे दर्जनों गांव हैं जहां लोगों को पता ही नहीं कि उनका विधायक कौन है। ऐसा विधायक नहीं चाहिए जो जनता को न जाने और जनता विधायक को न पहचाने।

अशोक कुमार, फरीदपुर