चुनाव की घडि़यां जैसे जैसे करीब आ रही हैं वैसे ही चुनावी चर्चाओं का दौर जोर पकड़ रहा है। जहां जाइये सिर्फ चुनावी बतकही ही सुनने को मिल रहा है। क्या बच्चे, क्या जवान और क्या बुजुर्ग? जिसे देखिए वह इस समय चुनावी रंगों में सरोबोर हो चुका है। उत्तरी विधानसभा के खजुरी मोड़ स्थित चाय की दुकान पर बिजनेसमेन व स्टूडेंट्स की टोली चुनावी चर्चाओं में मशगूल रहीं। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने मौका देख बस पूछ दिया कि आखिर उत्तरी की आवाम इस बार किसे चाहती है? इतना सुनते ही चर्चाओं को तो जैसे पंख लग गये।

विधायक ऐसा जो काम करे सबका

-चाय का कुल्हड़ मुंह से हटाते हुए रोहित मिश्रा बोले कि इस बार वर्तमान विधायक की राह उतनी आसान नहीं है। जनता में काफी रोष है उन्हें लेकर, अभी रोहित आगे कुछ बोलते कि तभी आकाश दुबे भी हां में हां मिलाते हुए बोले कि इस बार डगर उतनी आसान नहीं है।

चर्चा में कूदते हुए-विशाल सिंह हनी बोले कि इस बार लहर कुछ और कह रही है। जनता सब समझ गई है कि वर्तमान विधायक कितना काम किये हैं, तभी कुल्हड़ फेंकते हुए चंदन तिवारी ने कहा कि वर्तमान विधायक अपने विकास कार्यो के बल पर जनता के बीच में फिर वोट लेने आएंगे, लेकिन इस बार दलगत की राजनीति से तौबा करके ऐसा जनप्रतिनिधि चुनना है जो वाकई में उत्तरी का विकास करे। अभी बात पूरी भी नहीं हुई थी कि चंदन को रोकते हुए विशाल ने कहा कि इस बार किसी राजनीतिक पार्टी को नहीं बल्कि साफ-सुथरे, ईमानदार छवि वाले और जनता के सुख-दुख में बराबर की हिस्सेदारी दें उसी को उत्तरी का विधायक बनाया जाएगा। जो उत्तरी विधानसभा के विकास को पंख लगाये।

अदर साइट

- तभी भट्ठी से चाय की केतली उतारते हुए दुकानदार अक्षय कुमार यादव बोले कि देखिए भईया जी बहुत ज्यादा तो नहीं पता है लेकिन यही कहना चाहेंगे कि जो जनता के बीच में रहा है, सुख-दु:ख का साथी रहा है तो उसे कोई हरा नहीं सकता। विधायक ऐसा होना चाहिए जो सबका सुने।

थोड़ा सा तल्ख लहजे में चाय की कुल्हड़ हटाते हुए हर्ष सिंह बोले कि इस बार ऐसा नेता चुनना है जो उत्तरी की सबसे बड़ी समस्या सीवर, जर्जर वायर से निजात और साफ पेयजल दिला सके। वादा करने वाला नहीं दावा करने वाला विधायक चाहिए। हर्ष को रोकते हुए गामा यादव बोले कि देखिये इस बार पार्टी नहीं बल्कि प्रत्याशी को देखकर ही वोट दिया जाएगा। सबकि बातें सुन रहे ऋषभ पांडेय अपना कुल्हड़ फेंकते हुए बोले कि सुनिए, उत्तरी की जनता विकास चाहती है और विकास सिर्फ बात करने से नहीं होगा। जमीन से जुड़कर काम करने वाले को ही चुना जाएगा।

अपनी समस्या लेकर विधायक के पास जाइये तो पता चलेगा कि वह अभी लखनऊ में हैं। ऐसा विधायक चाहिए जो बराबर जनता के टच में रहे। पांडेयपुर एरिया में सीवरेज की प्रॉब्लम सालों से है। जर्जर तार सड़कों पर गिर रहे हैं। साफ-सफाई का हाल बेहाल है। इन सब समस्याओं को लेकर दौड़ते रहिये। नेताजी जल्दी मिलेंगे नहीं।

विशाल सिंह, खजुरी

राजनीतिक दलों की नहीं बल्कि कैंडीडेट की प्रोफाइल देखकर ही इस बार वोट किया जाएगा। जाति धर्म से ऊपर उठकर इस बार वोट देना है। ऐसे सियासी दलों से इस बार जनता को सावधान रहने की जरूरत है, जो सिर्फ वादा करते हैं और चुनाव जीतने के बाद जनता को उनके प्रतिनिधी को ढूंढ़ना पड़ता है। उत्तरी विधानसभा में जाति-धर्म पर वोट नहीं बंटेंगे।

रोहित मिश्रा, खजुरी

ईमानदार, कर्मठ और शिक्षित प्रत्याशी को ही विधायक चुना जाएगा। विधायक वही जो जनता के सुख-दुख: में बराबर की भागीदारी निभाए। ऐसा कैंडीडेट चाहिए जो जनता के मर्म को समझे। ऐसा नहीं कि सिर्फ आश्वासन की घुट्टी ही पिलाए। हर वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने वाला जनप्रतिनिधि होना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि जिस एरिया से वोट नहीं मिला है वहां विकास कार्य ही न कराए।

चंदन तिवारी, अर्दली बाजार

चुनावी समर में दिखने वाले नेताओं को तो बिल्कुल भी वोट नहीं देना है। जिस मंशा से राजनीतिक पार्टियां अपना कैंडीडेट उतार रही हैं उसे भी अब जनता खूब समझ रही है। ऐसे नेता को नहीं वोट करना है जो चुनाव जीतने के बाद सीधे लखनऊ में दिखे। जनता के बीच में रहने वाले को ही उत्तरी की आवाम चुनेगी।

मनीष यादव, अर्दली बाजार