शहर का कोना-कोना चुनावी चकल्लस में तब्दील हो चुका है। जहां जाइये सिर्फ और सिर्फ चुनावी बयार ही बहती हुई दिखाई दे रही है। चाय व पान की अडि़यों पर सरकार बन रही है। कोई बदलाव की मांग कर रहा है तो किसी को कोई प्रत्याशी ही नहीं जम रहा। शुक्रवार को डीजे आई नेक्स्ट टीम जब उत्तरी विधानसभा के कचहरी स्थित छोटे लाल की चाय की दुकान पर पहुंची तो वहां उपस्थित एडवोकेट, स्टूडेंट्स, गवर्नमेंट इम्प्लॉईज सहित अन्य पब्लिक की चुनावी चर्चा चरम पर थी। बस आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने पूछ दिया कि क्या लगता है किसके सिर उत्तरी का ताज चढे़गा? इतना सुनते ही चर्चाओं को तो पंख लग गये।

कचहरी से कामकाज निपटाकर घर पहडि़या के लिए निकले एडवोकेट आशीष पांडेय अक्सर छोटे लाल की चाय के दुकान पर रुकते हैं। -वह चाय का कुल्हड़ मुंह से हटाते हुए बोले की इस बार वर्तमान विधायक की राह उतनी आसान नहीं है। जनता में काफी रोष है उन्हें लेकर, अभी आशीष आगे कुछ बोलते कि तभी शशांक ाी हां में हां मिलाते हुए बोले कि इस बार डगर उतनी आसान नहीं है। समीकरण इस बार का बहुत बदला हुआ है। वैसे भी विधायकजी तो बस चुनाव के समय ही क्षेत्रों में सक्रिय होते हैं।

चर्चा में कूदते हुए-राहुल शुक्ला बोले कि इस बार लहर कुछ और कह रही है। जनता सब समझ गई है कि वर्तमान विधायक कितना काम किये हैं, तभी कुल्हड़ फेंकते हुए शुभम राय ने कहा कि वर्तमान विधायक अपने विकास कार्यो के बल पर जनता के बीच में फिर वोट लेने आएंगे, लेकिन इस बार दलगत की राजनीति से तौबा करके ऐसा जनप्रतिनिधि चुनना है जो वाकई में उत्तरी का विकास करे। इसी बीच शुभम को रोकते हुए सतीश ने कहा कि इस बार राजनीतिक पार्टी को नहीं बल्कि साफ-सुथरे, ईमानदार छवि वाले और जनता के सुख-दुख में बराबर की हिस्सेदारी दें उसी को उत्तरी का विधायक बनाया जाएगा। जो उत्तरी विधानसभा के विकास को पंख लगाये।

द अदर प्वाइंट

- तभी भट्ठी से चाय की केतली उतारते हुए दुकानदार छोटे लाल बोले कि देखा बाबू लोगन बहुत चुनाव देखली, हर चुनउवा में नेताजी लोग वादा करेन कि अबकि बार आपन आशीर्वाद फिर देके विधायक बनाई दा। लेकिन भईया स्थितियां सबकर उहे होला। जो भी चुनाव जीतता है बस अपना ही विकास करता है।

थोड़ा तल्ख लहजे में मुंह से चाय हटाते हुए शशांक बोले कि इस बार समीकरण चाहे जैसा भी बने। लेकिन वैसा ही नेता चुनना है जो उत्तरी की सबसे बड़ी समस्या सीवर, जर्जर वायर से निजात और साफ पेयजल दिला सके। वादा करने वाला नहीं दावा करने वाला विधायक चाहिए। शशांक को रोकते हुए राहुल चौधरी बोले कि देखिये इस बार पार्टी नहीं बल्कि प्रत्याशी को देखकर ही अपने मताधिकार का प्रयोग करिये। सबकि बातें सुन रहे गोलू अपना कुल्हड़ फेंकते हुए बोले कि सुनिए, उत्तरी की जनता विकास चाहती है और विकास सिर्फ बात करने से नहीं होगा, जमीन से जुड़कर काम करने वाले को ही चुना जाएगा।

ऐसा विधायक होना चाहिए जो खुद समस्याओं का मूल्यांकन करे। पांडेयपुर सहित आसपास एरिया में सीवर की प्रॉब्लम वर्षो से है। जर्जर तार सड़कों पर गिर रहे हैं, गलियों में स्ट्रीट लाइट नहीं है। कुछ ऐसी भी कालोनियां हैं जहां साफ-सफाई का अभाव है। उत्तरी की जनता ऐसे विधायक को चुनना चाहती है जो कम से कम एक माह तो अपने क्षेत्र में समय दे।

शशांक सिंह रघुवंशी, पांडेयपुर

इस बार प्रत्याशी की प्रोफाइल देखकर वोट दिया जाएगा। उत्तरी विधानसभा में जाति-धर्म पर वोट नहीं बंटेंगे। जाति धर्म से उठकर इस बार वोट देना है। ऐसे राजनीतिक दलों से इस बार जनता को सावधान रहने की जरूरत है जो वादे तो बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन धरातल पर उनका काम कहीं दिखता नहीं है। नेताओं के खेल को जनता अब समझ रही है।

शुभम राय, पहडि़या

टै्रफिक जाम व सीवर की समस्या सबसे बड़ी है। यह ऐसी समस्या है जिससे हर कोई परेशान है। सीवर की प्रॉब्लम से लोगों को निजात दिलाने के लिए किसी ने कुछ नहीं किया। ऐसा विधायक होना चाहिए जो जनता के मर्म को समझे। ऐसा नहीं कि सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाए। ईमानदार, कर्मठ व शिक्षित प्रत्याशी को ही उत्तरी विधानसभा का विधायक चुना जाएगा।

राहुल शुक्ला, पांडेयपुर

विधायक ऐसा हो जो हर किसी के सुख-दुख में बराबर नजर आये। यह एहसास होना चाहिए कि उन्हें जनता ने चुनकर विधानसभा में भेजा है। जनता की समस्याएं, परेशानियां सुनने का एक वक्त उनका होना चाहिए। हां, राजनीति के चश्मे से हर किसी को नहीं देखने वाला ही विधायक चाहिए। साफ, बेदाग छवि वाले प्रत्याशी को ही उत्तरी का जनप्रतिनिधि चुना जाएगा।

राहुल चौधरी, पांडेयपुर