विधानसभा चुनाव की बतकही जहां देखिए वहां चल रही है। चाय व पान की अडि़यों पर तो चुनावी चर्चा के सिवाय और कोई मुद्दा है ही नहीं। अडि़यों पर ही प्रत्याशियों के जीत-हार का आंकलन कर लिया जा रहा है। कोई पिछले उम्मीदवार पर भरोसा जताना चाह रहा है तो कोई नये चेहरे को अपना विधायक बनाने के लिए बेकरार है जो क्षेत्र की समस्याओं को दूर करा सके। उत्तरी विधानसभा के लल्लापुरा स्थित महेंद्र टी स्टॉल पर जुटे बुनकर, बिजनेसमैन व युवाओं की टोली चुनावी चर्चाओं में मशगूल रही। मौका देखकर डीजे आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने पूछ दिया कि क्या लगता है इस बार किसके सिर उत्तरी का ताज सजेगा.? इतना सुनते ही चर्चा अपने पूरे रौ में आ गई।

-गर्म चाय की गिलास थामे

वाजिब अली बोले की इस बार विकास की जो बात करेगा उसी प्रत्याशी पर विचार किया जाएगा। जो विकास करेगा उसी को वोट मिलेगा। अभी वाजिब कुछ बोलते कि तभी तौफिक अहमद तुरंत अपनी चाय की गिलास मुंह से हटाते हुए बोले कि वर्तमान विधायक तो विकास कार्य का डंका पीट रहे थे, देख लीजिए, कितना विकास हुआ है? सीवर की समस्याएं और जर्जर तारों का जाल अब तक समाप्त नहीं हुआ है। कुछ आगे कहते उसके पहले ही डॉ। महबूब अंसारी बोले कि इस बार नये चेहरे पर मुहर लगेगी। जनता अब सब समझ गई है कि इस बार किसको जिताना है। जब चुनाव आता है तभी नेताजी दिखते हैं उसके बाद ढूंढ़ते रहिये। गर्म चाय की गिलास मुंह से हटाते हुए विवेक गुप्ता ने कहा कि लगभग एक साल से अधिक ही हो गया होगा वर्तमान विधायक को इस क्षेत्र में आए हुए। अभी बात पूरी भी नहीं हुई कि विवेक की हां में हां मिलाते हुए शाहिद जमाल बोले कि इसी मुहल्ले के आगे पामा गली है उसका हाल जाकर आप देख लीजिए, कितना विकास हुआ है। तीन प्रतिष्ठित स्कूल्स को जोड़ने वाली गली में सीवर का पानी ओवरफ्लो होकर बहता रहता है। स्कूली बच्चों के साथ ही आम पब्लिक घुटने के नीचे तक पानी से होकर गुजरती है।

टी द प्वॉइंट

- तभी भट्ठी से चाय की केतली उतारते हुये टी स्टॉल के मालिक बृजेश यादव ने कहा कि देखिए भईया, हर बार के चुनाव में नेताजी लोग वोट के लिए घर-घर दौड़ते हैं, पैर तक पकड़ते हैं, लेकिन विधायक बनने के बाद क्षेत्र क्या शहर में भी नहीं दिखते। नेताओं के इस खेल को जनता भांप चुकी है। थोड़ा तल्ख लहजे में मुंह से चाय की गिलास हटाते हुए महताब आलम बोलते हैं कि इस बार समीकरण चाहे जैसा भी बने। लेकिन वैसा ही नेता चुनना है जो उत्तरी की सबसे बड़ी समस्या सीवर, जर्जर वायर से निजात और साफ पेयजल दिला सके। वादा करने वाला नहीं दावा करने वाला विधायक चाहिए। महताब को रोकते हुये इंतेखाब खान ने कहा कि देखिये इस बार पार्टी नहीं बल्कि प्रत्याशी को देखकर ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया जाएगा। सबकी बातें सुन रहे शोएब अहमद अपनी गिलास डस्टबिन की ओर बढ़ाते हुए बोले कि सुनिए, उत्तरी की जनता विकास चाहती है और विकास सिर्फ बात करने से नहीं होगा, जमीन से जुड़कर काम करने वाले को ही विधायक चुना जाएगा।

राजनीतिक पार्टियां जनता की भावना को भांपकर उनसे वोट निकलवा लेती है। लेकिन अबकी ऐसा बिल्कुल नहीं होगा। नेताओं के खेल को जनता अब बखूबी समझ रही है। उत्तरी विधानसभा में जाति-धर्म पर वोट नहीं बटेंगे। जाति धर्म से ऊपर उठकर इस बार वोट देना है। ऐसे राजनीतिक दलों से इस बार जनता को सावधान रहने की जरूरत है जो सिर्फ वोट की राजनीति करते हैं विकास कार्यो की नहीं।

वाजिब अली, लल्लापुरा

ऐसा विधायक होना चाहिए जो जनता के मर्म को समझे। वर्तमान विधायक के काम काज से बहुत ज्यादा संतुष्ट नहीं हूं। चुनाव के वक्त तो हर कोई हाथ-पैर पकड़कर वोट ले लेता है लेकिन विधायक बनते ही गायब हो जाते हैं। ऐसे नेताओं से जनता को इस बार सतर्क रहने की जरूरत है। विकास और सिर्फ विकास करने वाले को ही विधायक चुना जाएगा चाहे वह किसी भी पार्टी से हो।

विवेक गुप्ता, लल्लापुरा

सीवर की समस्याएं समाप्त होने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले दो साल से लल्लापुरा के विभिन्न मुहल्लों में सीवर की समस्याएं लोगों के लिए परेशानियों का सबब बन चुका है। एक तरह से कहा जाए कि दिनचर्या में शुमार हो चुका है। जनप्रतिनिधियों से लगायत सभी से गुहार लगाई गई लेकिन समस्याएं दूर नहीं हुई। अब ऐसे में हम किसपे उम्मीद करके वोट करें। इस बार वोट बहुत ही सोच समझकर दिया जाएगा।

डॉ। महबूब अंसारी, लल्लापुरा

जर्जर तार गलियों में गिर रहे हैं, स्ट्रीट लाइटें विद्युत पोल से नदारद है। गलियों में सीवर का पानी बजबजा रहा है जिसकी वजह से संक्रामक बीमारियां लोगों को घेर रही हैं। इन सब समस्याओं पर किसी जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं गया। बस ध्यान जा रहा है तो वोट बैंक पर। ऐसे विधायक नहीं चाहिए जो समस्याएं ही दूर न करा पाएं। इस बार सोच समझकर ही वोट दिया जाएगा।

इंतेखाब खान, लल्लापुरा