-मीरगंज सीएचसी पर बुधवार सुबह दो प्रसव पीडि़ताएं पहुंची, लेकिन स्टाफ नहीं

-प्रसूता ने हॉस्पिटल में दिया बच्चे को जन्म बाद में पहुंची नर्स

BAREILLY : स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है और खर्च होने वाले बजट में वृद्धि कर रही हैं। ताकि गरीब जनता को अच्छा इलाज मुहैया हो सके। लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिम्मेदार इसकी नैया डुबाने का काम कर रहे हैं। शहर से महज 15 किलोमीटर दूर सीएचसी मीरगंज में बुधवार को दो प्रसूताएं सुबह करीब 5 बजे हॉस्पिटल पहुंची। हॉस्पिटल में न कोई डॉक्टर था और न कोई फार्मासिस्ट। हॉस्पिटल में एएनएम और स्टाफ मौजूद था, लेकिन बुलाने के बाद भी वह नहीं आए। प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिलाओं के साथ आई महिलाओं ने डिलीवरी कराई। जिसके बाद परिजनों ने जब शिकायत करने की धमकी दी तब स्टाफ पहुंचा। गुस्साएं परिजनों ने सीएचसी अधीक्षक से मामले की लिखित शिकायत की है।

प्रसव के दो घंटे बाद छुट्टी

मीरगंज के मोहल्ला मेवात निवासी भूपराम ने पत्नी प्रेमवती को प्रसव पीड़ा होने पर सुबह पांच बजे स्वास्थ्य सामुदायिक केन्द्र मीरगंज पर ले गए। सीएचसी पर जब वह कोई डॉक्टर नहीं था और न कोई फार्मासिस्ट था। जिसके बाद वह प्रेमवती को बेड पर लिटाने के बाद स्टाफ नर्स के रूम में गए और पूरी बात बताई आरोप है इसके बाद भी स्टाफ नर्स अपने अन्य स्टाफ के साथ बैठी रही और प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को देखने तक की जहमत नहीं उठाई। जिसके बाद प्रसूता के साथ आई आशा ने उसकी डिलीवरी कराई। इसी बीच सिंधौली निवासी लल्ला बाबू अपनी पत्नी प्रीति को लेकर सीएचसी पर पहुंचा। उसे भी प्रसव पीड़ा हो रही थी। वह भी नर्स के पास पहुंचा लेकिन कोई मदद नहीं मिली तो उसके साथ आई महिलाओं ने डिलीवरी कराई।

तीन घंटे बाद ही कर दी छुट्टी

डिलीवरी के बाद जब परिजनों ने हंगामा किया तो स्टाफ नर्स और वार्ड आया उठकर आई, और दोनों की बगैर दवा दिए ही छुट्टी कर दी। जिसके बाद प्रीती तो बच्चे को लेकर परिवार वालों के साथ चली गई लेकिन प्रेमवती सीएचसी पर ही रूकी रही। सीएचसी अधीक्षक के आने पर परिजनों ने स्टाफ की लिखित शिकायत की। प्रसूता के परिजनों की शिकायत लेने के बाद सीएचसी अधीक्षक ने ड्यूटी पर तैनात स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है। वहीं सीएचसी अधीक्षक ने बताया कि नार्मल डिलीवरी होने पर भी प्रसूता को 48 घंटे हॉस्पिटल में रखना हाेता है।

सुधरने का नहीं ले रहे नाम

सीएचसी मीरगंज के साथ की गई लापरवाही का कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी रामपुर के गांव कैथौला निवासी सुदंर, प्रत्‍‌नी प्रेमवती को प्रसव पीड़ा होने पर तांगा से सीएचसी पर लेकर पहुंचे थे। उस समय हॉस्पिटल में आशाओं बहुओं की हड़ताल चल रही थी। डॉक्टर्स को बुलाया लेकिन डॉक्टर्स नहीं पहुंचे। तड़पकर प्रसूता ने तड़पकर तांगा में ही बच्चे को जन्म दे दिया। जिसके बाद उसे उसके परिजनों ने हॉस्पिटल में एडमिट कराया था।

-मीरगंज में स्टाफ भी भरपूर है, लेकिन इसके बाद भी स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया है, तो घोर लापरवाही है। इस मामले की जांच कराने के बाद सख्त कार्रवाई करूंगा ताकि दोबारा कोई स्टाफ इस तरह की लापरवाही न करे।

डॉ। विनीत शुक्ला, सीएमओ, बरेली

सीएचसी पर दोनों प्रसूताओं की डिलीवरी सुबह हुई है। स्टाफ ने डिलीवरी में लापरवाही की है तो यह मामला गंभीर है। लिखित शिकायत मिली है अब स्टाफ से बात कर कार्रवाई की जाएगी।

नवनीत कुमार अग्रवाल, सीएचसी अधीक्षक

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प्रसूता को लेकर आई थी, सीएचसी पर कोई डॉक्टर तक नहीं मिला। इसके बाद जब मौजूद स्टाफ को बुलाने गए तो तीन चार लोग आपस में बाते करते रहे लेकिन कोई बुलाने के बाद भी मरीज को देखने नहीं आया।

प्रेमवती

सीएचसी पर प्रसूता दर्द से तड़प रही थी, स्टाफ बैठा रहा लेकिन किसी ने मरीज को देखने की जरूर नहीं समझी। हम लोगों ने खुद ही डिलीवरी कराई तो हॉस्पिटल आने का मतलब की क्या।

भाग्यश्री