-भारत पेट्रोलियम के अधिकारियों पर भी शक की सूई

VARANASI

कहते हैं कि बिना अपनों के कोई भी जंग नहीं जीती जा सकती। चाहे बात किसी भी क्षेत्र की हो। हुआ भी बिल्कुल कुछ इसी तरह। सिगरा स्थित भारत पेट्रोलियम पंप पर मिले इलेक्ट्रॉनिक चिप ने तो यह साफ कर दिया है कि बिना किसी अपनों के सेटिंग के सहारे इतना बड़ा खेल नहीं किया जा सकता। वह भी तब जब मिडको कंपनी की यह आटोमेशन मशीन सीधे मुंबई से कंट्रोल होती है। तेल की खपत और पूर्ति कितनी है? इन सब की मॉनिटरिंग भारत पेट्रोलियम के अधिकारियों के जिम्मे होता है। जब पेट्रोल पंपों पर चिप मिलने का सिलसिला लखनऊ से शुरू हुआ तो पेट्रोल पंप एसोसिएशन वालों का तर्क था कि ऑटोमेशन मशीन में छेड़छाड़ की गुंजाइश ही संभव नहीं है। यदि कोई कलाकारी करता है तो कंपनी के अधिकारियों को भनक लगना तय है। हालांकि अब इस छापेमारी के बाद तो यह कहना गलत नहीं होगा कि अधिकारियों के जानकारी के तहत तेल में खेल हो रहा था। छापेमारी टीम में शामिल एसीएम चतुर्थ त्रिभुवन व डीएसओ अशोक यादव ने कहा कि बनारस में चिप के मास्टरमाइंड अधिक दिन तक बच नहीं पाएंगे।

तेल गिरता है कम

नोजल में लगे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में एक नक्शा जैसे आकार में सेंसरयुक्त चिप जोड़ी जाती है। डिलेवरी के समय जिसे रिमोट से कंट्रोल किया जाता है। बाट माप के सहायक नियंत्रक मुकेश सिंह की मानें तो कस्टमर जब तेल लेता है तभी सेल्समैन खेल करते हैं। होता यूं है कि डिलेवरी के समय सेल्समैन जेब के अंदर रखा रिमोट दबाकर मीटर को तेज कर देता है, ऐसे में तेल की धार कम होती है और मीटर तेजी से भागता है।