- प्रिंसीपल्स ने उठाया है बोर्ड परीक्षा का एक महत्वपूर्ण मुद्दा

- स्कूलों में बिना बजट के कैस लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे

- मेरठ में बनाए गए हैं 131 परीक्षा केंद्र

Meerut : बिना सीसीटीवी कैमरों के आखिरकार यूपी बोर्ड नकलमाफियाओं पर किस तरह से निगरानी रख पाएगा, यह एक बड़ा मुद्दा है। यूपी बोर्ड एग्जाम की तैयारी में बोर्ड ने बाकी सब इंतजाम तो कर लिए हैं, मगर नकलमाफियाओं पर लगाम कसने का प्लान बिना सीसीटीवी कैमरे के फेल होता नजर आ रहा है।

बजट नहीं हैं

यूपी बोर्ड की परीक्षा मेरठ मंडल में टोटल ब्भ्8 केंद्रों पर होने वाली है। इनमें से मेरठ में टोटल क्फ्क् केंद्रों पर परीक्षा होनी है। इन क्फ्क् केंद्रो पर टोटल 9म् हजार म् सौ 87 स्टूडेंट्स परीक्षा देने वाले हैं। इसके अलावा मेरठ मंडल में तो यह आंकड़ा लाखों तक जाता है। इन परीक्षार्थियों में नकलमाफियाओं पर नजर रखने के लिए सभी केंद्रों के परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगाने का एक नियम बनाया गया था। स्कूलों के अनुसार इसके लिए हर स्कूल को कम से कम तीन से चार लाख का बजट चाहिए, लेकिन बोर्ड ने इसके लिए बजट ही नहीं दिया है। ऐसे में यही मुद्दा उठ रहा है कि आखिरकार बिना बजट के केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे कैसे लगाए जाएंगे। अगर कैमरे लगाए भी जाएं तो क्या स्कूलों को अपनी जेब से यह खर्च उठाना पड़ेगा।

नहीं करेंगे जेब से पैसे खर्च

केंद्रव्यवस्थापकों ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए केंद्रों पर कैमरे लगाने से साफ मना कर दिया है। केंद्रव्यवस्थापकों का मानना है कि कुछ स्कूल ऐसे हैं, जिनमें या तो पहले से ही कैमरे लगे हुए हैं या फिर जो लगवा सकते हैं, लेकिन बाकी स्कूल आखिर इतना बजट कहां से लाएंगे। स्कूलों का मानना है कि इस संबंध में बोर्ड को बजट देना चाहिए। केंद्रव्यस्थापकों का कहना है कि यह अच्छी बात है कि कैमरों से नकलमाफियाओं पर रोक लगेगी, लेकिन रोक लगाने के लिए इंतजाम भी तो बोर्ड को ही करना होगा। स्कूल अपनी जेब से पैसा कैसे भरेंगे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष व लावड़ के प्रिंसीपल महेश ने बताया कि उनके स्कूल में ख्क् कक्ष हैं, अगर सभी में कैमरे लगाए गए तो कम से कम फ् लाख का बजट बैठता है। वहीं आरएबी इंटर कॉलेज से लियाकत का कहना है कि बिना बजट के केंद्र कैसे अपने स्कूलों में कैमरे लगा सकते हैं। दौराला इंटर कॉलेज के प्रिंसीपल का भी यही कहना है कि कैमरे लगाने में कम से कम दो तीन लाख का बजट बैठेगा। आखिर इतना पैसा स्कूल कहां से लाएंगे।

इस संबंध में अभी बैठक के बाद ही कुछ फैसला होगा। अभी कैमरों के लगने की बात तय नहीं हो पाई है। यह तो बोर्ड के स्तर का मामला है। जैसा भी बोर्ड से आदेश होगा उसके अनुसार ही परीक्षा व्यवस्था होगी।

एके मिश्रा, डीआईओएस