इसलिए बना नियम

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में सात जुलाई से एडमिशन प्रॉसेस शुरू होने जा रहा है। एडमिशन सेल ने एनाउंसमेंट किया है कि काउंसिलिंग के बाद ओरिजनल मार्कशीट लाने पर ही कैंडिडेट को एडमिशन मिलेगा। तर्क ये है कि इससे बाद में होने वाली मुश्किलों से बचा जा सकेगा। अभी तक मार्कशीट न होने पर भी कैंडिडेट को प्रोविजिनल एडमिशन दे दिया जाता था। शर्त ये होती थी कि एक सप्ताह के भीतर ओरिजनल मार्कशीट दिखाकर एडमिशन कन्फर्म कराना होगा।

सेशन भी होता है लेट

एयू ऑफिसर्स की मानें तो बिना मार्कशीट के एडमिशन देने पर बाद में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। प्रॉविजनल एडमिशन लेने वाले सैकड़ों कैंडिडेट नदारत हो गए। नतीजतन खाली रह गई सीटों के लिए एडमिशन प्रॉसेस फिर से शुरू करना पड़ा। इससे सेशन भी लेट होता था।

अधूरा रह जाएगा सपना

जानकारों की मानें तो एडमिशन सेल के इस डिसीजन से हजारों स्टूडेंट्स को परेशानी झेलनी पड़ेगी। इनमें सीबीएसई, आईएससी व यूपी बोर्ड के हजारों स्टूडेंट्स शामिल होंगे। इन्होंने या तो स्क्रूटनी का फॉर्म सबमिट किया है या फिर मार्कशीट में करेक्शन के लिए आवेदन किया है। एडमिशन शुरू होने से पहले उनकी मार्कशीट नहीं मिली तो एयू में दाखिला लेने का उनका सपना अधूरा ही रह जाएगा।

वापस लेना पड़ा था

वैसे एडमिशन के वक्त मार्कशीट कम्पलसरी करने का नियम लास्ट इयर भी बना था। हालांकि कैंडिडेट्स के प्रेशर में इसे वापस ले लिया गया था। ऑफिसर्स की मानें तो इसका खामियाजा स्टूडेंट्स के साथ एडमिशन सेल को भी भुगतना पड़ा था। प्रोविजनल एडमिशन के कैंसिल होने पर खाली रह गई सीट को भरने के लिए फिर एडमिशन शुरू करना पड़ा। उधर प्रॉविजनल एडमिशन से सीट फुल होने के कारण कम रैंक वाले कैंडिडेट्स को पसंदीदा सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन नहीं मिल सके थे। बाद में प्रॉविजनल एडमिशन कैंसिल हुए तो उनसे भी कम रैंक वाले कैंडिडेट्स को मनपसंद सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन मिल गए थे।

 

इस बार किसी भी स्थिति में उन कैंडिडेट्स को एडमिशन नहीं दिया जाएगा, जिनके पास ओरिजिनल मार्कशीट नहीं होगी। प्रॉविजनल एडमिशन का फंडा बाद में एडमिशन सेल के गले की फांस बन जाता है। इससे अच्छी मेरिट वाले कैंडिडेट्स को उनका पसंदीदा सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन नहीं मिल पाता। साथ ही प्रॉविजनल एडमिशन कैंसिल होने पर फिर से एडमिशन प्रॉसेस शुरू करना होता है। इससे सेशन लेट होता है।

-प्रो। बीएन सिंह,

डायरेक्टर एडमिशन सेल एयू।

Report by, Ajit Shukla