Allahabad: नार्थ सेंट्रल रेलवे के इस साल छह महीने में 30 लाख पैसेंजर्स कम हो गए हैं। रेलवे समझ नहीं पा रहा है कि आखिर यह 30 लाख पैसेंजर्स क्यों और कैसे कम हो गए? गौर करने वाली बात यह है कि पूरे देश में रेलवे में पैसेंजर्स की संख्या बढ़ी है, ऐसे में एनसीआर में पैसेंजर्स की संख्या घटने की बात रेलवे ऑफिसर्स को समझ नहीं आ रही है। यही कारण है कि एकाएक रेलवे ने जबरदस्त चेकिंग अभियान छेड़ दिया है। प्लेटफार्म, ट्रेनों में रेंडम चेकिंग शुरु कर दी है। रेलवे को शक है कि पैसेंजर्स द्वारा प्रॉपर तरीके से जर्नी नहीं की जा रही है। यानी बड़ी संख्या में बेटिकट पैसेंजर्स चल रहे है.
कुंभ था, फिर भी 30 लाख कैसे हुए कम?
रेलवे की कामर्शियल डिपार्टमेंट की पिछले दिनों रेलवे बोर्ड में मीटिंग हुई थी। इसमें यह बात आई कि एनसीआर में पैसेंजर्स की संख्या का आंकड़ा घटा है। सीनियर ऑफिसर्स ने जब इस बारे में पूछा तो एनसीआर के ऑफिसर्स प्रापर जवाब नहीं दे पाए। इस बार कुंभ भी था, ऐसे में तो पैसेंजर्स की संख्या का आंकड़ा रिकार्ड लेवल पर पहुंचना चाहिए था, बजाए कम होने के। लास्ट ईयर जनवरी से जुलाई और इस साल इसी ड्यूरेशन में रिजर्वेशन टिकटों की सेल में 6 लाख और जनरल टिकट की सेल में 24 लाख की कमी आई है.
बढऩे के बजाए कम क्यों?
रेलवे में हर साल पैसेंजर्स की संख्या का आंकड़ा बढ़ता है। ऐसे में घटने की बात किसी को समझ में नहीं आ रही है। यही कारण है कि खुद सीसीएम विजयी राम मैदान में उतर आए हैं और कई चेकिंग अभियान के दौरान वह खुद मौजूद रहे हैं। मंडे को जंक्शन पर मार्निंग छह से रात 12 बजे तक राउंड द क्लॉक चेकिंग अभियान चलाया गया। इसमें 627 बेटिकट पैसेंजर्स को पकड़ा कर 2 लाख 37 हजार रूपए का जुर्माना वसूल किया गया है.
Ticket 2012 -2013
PRS 80 - 74
UTS 744 - 720
(यह आंकड़ा जनवरी से जुलाई तक का 2012 व 2013 का है)
पैसेंजर्स के आंकड़ों में कुछ कमी आई है। इसके कई कारण हैं। फिलहाल चेकिंग करके पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
संदीप माथुर
सीपीआरओ,एनसीआर
कुंभ था, फिर भी 30 लाख कैसे हुए कम?
रेलवे की कामर्शियल डिपार्टमेंट की पिछले दिनों रेलवे बोर्ड में मीटिंग हुई थी। इसमें यह बात आई कि एनसीआर में पैसेंजर्स की संख्या का आंकड़ा घटा है। सीनियर ऑफिसर्स ने जब इस बारे में पूछा तो एनसीआर के ऑफिसर्स प्रापर जवाब नहीं दे पाए। इस बार कुंभ भी था, ऐसे में तो पैसेंजर्स की संख्या का आंकड़ा रिकार्ड लेवल पर पहुंचना चाहिए था, बजाए कम होने के। लास्ट ईयर जनवरी से जुलाई और इस साल इसी ड्यूरेशन में रिजर्वेशन टिकटों की सेल में 6 लाख और जनरल टिकट की सेल में 24 लाख की कमी आई है.
बढऩे के बजाए कम क्यों?
रेलवे में हर साल पैसेंजर्स की संख्या का आंकड़ा बढ़ता है। ऐसे में घटने की बात किसी को समझ में नहीं आ रही है। यही कारण है कि खुद सीसीएम विजयी राम मैदान में उतर आए हैं और कई चेकिंग अभियान के दौरान वह खुद मौजूद रहे हैं। मंडे को जंक्शन पर मार्निंग छह से रात 12 बजे तक राउंड द क्लॉक चेकिंग अभियान चलाया गया। इसमें 627 बेटिकट पैसेंजर्स को पकड़ा कर 2 लाख 37 हजार रूपए का जुर्माना वसूल किया गया है.
Ticket 2012 -2013
PRS 80 - 74
UTS 744 - 720
(यह आंकड़ा जनवरी से जुलाई तक का 2012 व 2013 का है)
पैसेंजर्स के आंकड़ों में कुछ कमी आई है। इसके कई कारण हैं। फिलहाल चेकिंग करके पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
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