तीन साल के कराए गए एग्जाम

पिछले साल यूनिवर्सिटी ने 2009-10-11 के बीएड एग्जाम एक साथ कराए थे। क्योंकि बीएड का सेशन दो साल लेट हो चुका था। उसको ठीक कराने करने के लिए यूनिवर्सिटी ने ऐसा किया कि पिछले तीनों सालों के बीएड के एग्जाम एक साथ करा दिए।

रिकॉर्ड में कराई हेरा-फेरी

करीब 50 हजार स्टूडेंट्स ने बीएड के एग्जाम दिए। इनमें से 80 परसेंट स्टूडेंट्स के 65 परसेंट से ज्यादा नंबर आए। सिर्फ बीएस परसेंट ऐसे रहे जो 60 परसेंट और सेकेंड आए। 80 परसेंट में भी अधिकांश स्टूडेंट्स ऐसे रहे जो 75 परसेंट से ज्यादा नंबर लेकर आए। जब ऐसा रिजल्ट आने पर उस टाइम वीसी रहे प्रो। डीएन जौहर के पास कंप्लेन आई तो उन्होंने जांच कराई।

जांच में पकड़े गए केस

इस मामले की जांच खुद रजिस्ट्रार बीके पांडे ने की। उन्होंने करीब 20 हजार ऐसे केस पकड़े जो कि 75 परसेंट से ज्यादा नंबर वाले थे। दस हजार स्टूडेंट्स इसमें ऐसे निकले जिनका रिकार्ड कुछ और था कॉपियों में नंबर कुछ और। खास बात यह है कि इसमें से अधिकांश केस प्राइवेट कॉलेजों के थे।

जांच गई ठंडे बस्ते में

जैसे वीसी प्रो। डीएन जौहर यहां से गए तो इस जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। तीन महीने से ज्यादा टाइम हो गया, लेकिन अभी तक ये जांच किसी नतीजे तक नहीं पहुंची।

19 से हैं बीएड के एग्जाम

बीएड 2012 - 13 के एग्जाम यूनिवर्सिटी 19 सितंबर से शुरू करने जा रही है। इन एग्जाम को लेकर यूनिवर्सिटी काफी सख्त रवैया अपनाए हुए है। पहले से भी कॉलेजों को हिदायत दे दी गई है कि अगर 75 परसेंट से ज्यादा बड़ी संख्या में किसी भी स्टूडेंट्स के नंबर आएंगे तो उनकी यूनिवर्सिटी अपने लेवल पर जांच कर सकती है। ये जांच इसलिए की जा जाएगी जिससे एजुकेशन माफिया पर लगाम लगाई जा सके।

बीके पांडे, रजिस्ट्रार यूनिवर्सिटी

बीएड के केस पकड़े गए हैं। इसकी जांच चल रही है। ये जांच काफी गोपनीय तरीके चल रही है। इसकी जानकारी नए वीसी को भी है।

प्रो। मुहम्मद मुजम्मिल वीसी यूनिवर्सिटी

यूनिवर्सिटी के जो भी हालात पहले रहे हैं उसकी पूरी जानकारी मेरे पास है। बीएड मामले में जो भी हुआ है उस पर एक्शन लिया जाएगा। लेकिन आगे कोई गड़बड़ी न हो उसके लिए कुछ नियम तय किए गए हैं।