- चेहल्लुम के अवसर पर कोतवाली से लेकर नखासकोहना तक अकीदतमंद करते रहे छुरियों व जंजीरों से मातम

ALLAHABAD: पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की 1378वीं शहादत की बरसी पर चेहल्लुम का मातमी जुलूस निकाला गया। पुराने शहर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में निकले जुलूस में अंजुमन अब्बासिया रजिस्टर्ड, अंजुमन मुहाफिजे अजा कदीम व अंजुमन नकविया रजिस्टर्ड दरियाबाद सहित आधा दर्जन से अधिक अंजुमनों ने शिरकत की। जंजीरों व छुरियों से मातम के बीच कोतवाली से लेकर नखासकोहना, रानीमंडी, दरियाबाद, बहादुरगंज, हटिया व सुलाकी चौराहे के आसपास हजारों की संख्या में उमड़े अकीदतमंद या अली या हुसैन की सदाएं बुलंद करते रहे।

हुर्ई तकरीरें

इमामबाड़ा सलवात अली खां दरियाबाद से चेहल्लुम का शाही जुलूस निकाला गया। ढोल, ताशा, नगाड़ा व लाठी के करतब दिखाते हुए अकीदतमंद कर्बला के शहीदों की याद में जंजीरों व छुरियों से खुद को लहूलुहान करते रहे। अंजुमन नकविया के संरक्षक हसन नकवी की सरपरस्ती में जुलूस ने आठ किमी लम्बे रास्ते से होकर वापस इमामबाड़ा पर पहुंचकर समाप्त हुआ। इमामबाड़ा आजम हुसैन खां से उठकर कदीमी जुलूस चकिया व कर्बला तक गया। यहां रानीमंडी व बख्शी बाजार की अंजुमनों ने जंजीर व तलवारों से मातम किया।

कोतवाली के सामने तकरीरें हुई जहां हुसैनियत जिंदाबाद, यजीदियत मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। अंजुमन हैदरिया रानीमंडी के सचिव अहमद हसन व बशीर हुसैन की सरपरस्ती में चेहल्लुम जुलूस निकाला गया। जुलूस में शामिल इमाम हुसैन के अकीदतमंदों ने गमगीन मुद्रा में या अली या हुसैन की सदाएं बुलंद करते रहे। मातमी जुलूसों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रही। अंजुमन अब्बासिया ने इमामबाड़ा नवाब आजम हुसैन साहब से जुलूस निकाला। अंजुमन के सदस्य गमगीन माहौल में नौहाखानी व सीनाजनी करते हुए चल रहे थे। जुलूस में अध्यक्ष वकार हुसैन, डॉ। अबरार हुसैन, सैफ जाफरी, हिफाजत हुसैन, मंजर कर्रार, आलिम भाई वगैरह मौजूद रहे।