जिला अस्पताल में आने वाले मरीज हैं परेशान

नहीं हो पा रहे हैं थॉयराइड और सीबीसी टेस्ट

Meerut। जिला सरकारी अस्पताल में आई लाखों की जांच मशीनें मात्र शोपीस साबित हो रही है। हालत यह है कि लैब में रखी थायरायड व सीबीसी जांच मशीन के लिए अस्पताल के पास केमिकल ही नहीं हैं। जिसके चलते मरीजों को यहां जांच की सुविधा नहीं मिल पा रही हैं। मजबूरन उन्हें प्राइवेट लैब में जांच करवानी पड़ रही है।

यह है स्थिति

जिला अस्पताल में हर दिन 70 प्रतिशत मरीज थायरायड की जांच के लिए आते हैं। लेकिन यहां अक्सर मरीजों को यही सुनने को मिलता है कि जांच के लिए मशीनों में प्रयोग होने वाला केमिकल खत्म हो गया है। पिछले दो महीने से अस्पताल की जांच लैब की यही स्थिति है।

प्राइवेट लैब जाएं

प्राइवेट अस्पतालों की तर्ज पर सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टर मरीजों के लिए कई-कई टेस्ट लिख दे रहे हैं। गजब यह है कि अस्पताल में होने वाली मुफ्त जांच सुविधा मरीजों को मिलती ही नहीं हैं। ऐसे में उन्हें प्राइवेट में जाकर महंगे रेट पर जांच करानी पड़ती है।

इनका है कहना

थायरायड के लिए प्रयोग होने वाला केमिकल रीजेंट खत्म हो गया है। चूंकि संसाधन कम हैं और मरीजों की संख्या ज्यादा हैं। ऐसे में बजट के हिसाब से हम इसका इंडेंट मंगा लेते हैं। शासन को भी हमने इसके बारे में लिखा है।

डॉ। पी.के बंसल, एसआईसी, जिला अस्पताल

जो टेस्ट डॉक्टर लिखते हैं, वह यहां होते नहीं हैं इसलिए यह टेस्ट हमें बाहर से करवाने पड़ते हैं। बाहर से टेस्ट बहुत महंगे हैं लेकिन क्या करें कराने भी जरूरी हैं।

शिवम, मरीज

मरीजों का बुरा हाल हैं। थायरायड की जांच करवाने के लिए मरीजों को प्राइवेट लैब में जाना पड़ता है। यह सरासर गलत है।

इमरान खान, मंडल उपाध्यक्ष, युवा सेवा समिति

पिछले करीब दो महीने से यहां जांच नहीं हो पा रही है। जांच के लिए प्राइवेट लैब में जाना पड़ता है। बाहर जांच कराने में बहुत खर्च आता है, जो हमारी जेब की औकात से ज्यादा है।

सादिक, मरीज