- नहीं थम रही महंगाई, दलहन और सब्जियों के रेट बढ़े
- दो हजार रुपये महंगा हो गया महीने का राशन
- डीजल-पेट्रोल के दामों में भी आई बढ़ोत्तरी
आई कनसर्न
अखिल कुमार
Meerut : कहावत पुरानी है कि लोहे के चने चबाना आसान नहीं होता। लेकिन आजकल बाजार में चने के भाव उसे लोहे का बना रहे हैं। यकीन करना मुश्किल है कि काला चना 100 रुपए और काबली चना 120 रुपए किलो बिक रहा है। महंगाई के मामले में दाल-चावल-चीनी का भी यही हाल है। जीरा-तेल भी आसमान छू रहा है। महीने के राशन में 2 हजार का इजाफा हो गया। महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है और सड़कों पर प्रदर्शन सियासी बयानबाजी को लेकर हो रहे हैं।
आटा-चावल में तेजी
गौरतलब है कि पिछले छह माह में खाद्यान्न और दलहन के दामों में 30 फीसदी से 100 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हुई है तो वहीं आटा-चावल के भाव भी बढ़ गए हैं। डीजल के दामों में बढोत्तरी को महंगाई के बढ़ने का कारण माना जा रहा है तो कुछ लोग उत्पादन में कमी की बात कह रहे हैं।
और बढ़ेंगे दाम
कांवड़ यात्रा के चलते शहर में भारी वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। इस कारण जरूरी वस्तुओं की कीमतों में और तेजी आने की आशंका है। माना जा रहा है कि इस वजह से सब्जियों के दाम आसमान छू सकते हैं।
बाजार में आया उछाल
वस्तु जनवरी जुलाई
दाल मसूर 80 100
काला चना 50 100
सफेद चना 60 120
दाल मूंग 140 110
दाल अरहर 120 150
दाल उड़द 120 130
राजमा 80 120
चीनी 32 40
सरसों का तेल 80 125
रिफाइंड 60 80
आटा 17 22
चावल 50 65
नोट: दर प्रति किलोग्राम है।
डीजल-पेट्रोल भी बढ़ा
डीजल 49.13 55.68
पेट्रोल 60.21 65.88
नोट: दर प्रति लीटर है।
सब्जियों ने छुआ आसमान
आलू 15 25
टमाटर 20 50
मिर्च 30 100
प्याज 20 20
तोरई - 60
अरबी - 60
भिंडी - 50
शिमला मिर्च 60 100
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2 हजार बढ़ गया बजट
4 व्यक्तियों के सामान्य परिवार में राशन का 3 हजार का बजट 6 माह में 2 हजार रुपये और बढ़ गया है। अब 5 हजार रुपये राशन पर सामान्य परिवार खर्च कर रहा है। आटा, चावल, दालों, तेल आदि के दामों में 50 से 100 फीसदी तक बढ़ोत्तरी ने बजट को गड़बड़ा दिया है।
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खाद्यान्न और दलहन के दामों में उछाल की बढ़ी वजह उत्पादकता में कमी मानी जा रही है। शेयर और सट्टा बाजार अनावश्यक बढ़ोत्तरी करते हैं। सरकारों का नियंत्रण दरों पर समाप्त हो रहा है।
-दिनेश गोयल, खाद्यान्न कारोबारी
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डीजल के मूल्य नियंत्रित नहीं हैं। डीजल के दाम बढ़ने का सर्वाधिक प्रभाव महंगाई पर पड़ रहा है, भाड़ा बढ़ा है तो हर चीज महंगी हो रही है। महंगाई के मुद्दे पर सरकार जनता का ध्यान बांटने के लिए गाली-गलौज जैसे मुद्दों को भड़काया जा रहा है।
नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संगठन
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महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। सरकारें वायदे को बहुत करती हैं पर महंगाई कम करने के मुद्दे पर भटक रही हैं। आवाम हलकान है।
-अभिषेक जैन, सदर
घर का राशन दो हजार तक महंगा हो गया है। आम आदमी को महंगाई ने तोड़ कर रख दिया है। सरकारें महंगाई के मुद्दे से भटककर जनता विरोधी राजनीति कर रहीं हैं।
-मीनू, भैंसाली ग्राउंड
ये आएंगे तो महंगाई घटाएंगे, वो आएंगे तो राशन सस्ता होगा। ये सुनसुनकर आजिज आ चुकी हूं। कोई नहीं है जो दिनोंदिन बढ़ रही महंगाई को रोक सके। आम आदमी का जीवन मुश्किल हो रहा है।
-विभा, सदर बाजार
पिछले छह माह में सभी घरेलू चीजों के दाम बढ़े हैं। काला चना 100 रुपए किलो बिक रहा है। सब्जियों के भाव भी आसमान छू रहे हैं। बारिश के मौसम में तोरई 50 रुपए किलो बिक रही है।
-अजय केडिया, माधवपुरम