घरेलू मैदान पर चेन्नई के कप्तान एमएस धौनी पहले बल्लेबाजी करना चाहते थे, लेकिन वह टॉस हार गए. इसके बावजूद उनकी मुराद पूरी हुई और केकेआर के कप्तान गौतम गंभीर ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया. लेकिन चेन्नई के बल्लेबाज कोलकाता की कसी गेंदबाजी के सामने खुलकर नहीं खेल सके और टीम निर्धारित 20 ओवर में छह विकेट पर 134 रन ही बना सकी, जो उनका इस मैदान पर तीसरा न्यूनतम स्कोर था. हालांकि इससे पहले छह बार चेन्नई की टीम 150 से कम के स्कोर का बचाव कर चुकी थी, ऐसे में खेल अभी बाकी था. विपक्षी कप्तान गंभीर के आइपीएल में 11वीं बार शून्य पर आउट होने से घरेलू टीम की उम्मीद बनी. लेकिन दूसरे सलामी बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने 17 गेंद पर ताबड़तोड़ 39 बनाकर मैच को एकतरफा बनाने की कोशिश की, हालांकि उनके जाने के बाद चेन्नई की कसी हुई गेंदबाजी के सामने केकेआर की पारी को लकवा मार गया.

 

चेन्नई की कसी हुई गेंदबाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सातवें ओवर की पांचवीं गेंद पर चौका लगने के बाद अगला चौका चौका 19वें ओवर की दूसरी गेंद पर लगा. रन भी नहीं बन रहे थे और विकेट भी लगातार गिर रहे थे, लेकिन एक छोर पर खड़े रेयान टेन डोएशे की वजह से केकेआर ने उम्मीद नहीं छोड़ी थी. आखिरी ओवर में केकेआर को 17 रन की दरकार थी. चेन्नई के सबसे सफल गेंदबाज ब्रावो की चौथी पांचवीं और छठी गेंद पर डोएशे ने क्रमश: छक्का, चौका और चौका लगाया, लेकिन शुरुआती तीन गेंदों पर एक भी रन नहीं बना पाने की वजह से टीम लक्ष्य से दो रन पीछे रह गई और चेन्नई ने इस मैदान पर केकेआर के खिलाफ अपनी जीत-हार का रिकॉर्ड और बेहतर करते हुए 5-2 कर लिया.

इससे पहले, ड्वेन स्मिथ और ब्रेंडन मैकुलम की सलामी जोड़ी ने एक बार फिर तेज शुरुआत दिलाई. टीम ने चार ओवर में 38 रन बना लिए, लेकिन पांचवें ओवर में मैकुलम और 9वें ओवर में स्मिथ के आउट होने के साथ यह लगभग तय हो गया कि चेन्नई बड़े स्कोर तक नहीं पहुंच पाएगी. क्योंकि इस सत्र में यह पहली बार था, जब चेन्नई की सलामी जोड़ी में से कोई भी भी बल्लेबाज 25 रन के निजी स्कोर से आगे नहीं बढ़ पाया. इस दौरान, अंतिम एकादश में सुनील नरेन की जगह शामिल किए जाने के साथ आइपीएल में खेलने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने 44 वर्षीय स्पिनर ब्रैड हॉग ने मैदान पर उतरने के बाद अपनी स्पिन गेंदबाजी में चेन्नई के बल्लेबाजों को उलझा दिया. पहले स्पेल में उन्होंने दो ओवर फेंके और केवल छह रन देकर विपक्षी टीम के बल्लेबाजों पर गजब का दबाव बनाया. हॉग के स्पेल ने अन्य गेंदबाजों का हौसला बढ़ा दिया और उन्होंने नियमित अंतराल पर विकेट निकालकर मध्यक्रम को झकझोर दिया. चेन्नई ने 42 से 88 के स्कोर तक पहुंचते पहुंचते चेन्नई ने पांच अहम बल्लेबाजों को खो दिया. स्पिनरों ने धीमी पिच पर गेंद को टर्न कराया और तेज गेंदबाजों ने शॉर्ट गेंदों से दबाव बनाया. हॉग ने अपने दूसरे स्पेल में केवल 12 रन दिए और एक विकेट भी झटका, नतीजा यह रहा कि चेन्नई की टीम आखिरी पांच ओवरों में केवल 35 रन ही बना सकी.

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