इस मुकाबले का आयोजन किया था नार्वे के अख़बार ऐफ़्टेनपोस्टेन ने. इस अख़बार के प्रबंध संपादक किआइटल कोलसर्ड को लगता है कि नार्वे और शेष विश्व के बीच होने वाला ऑनलाइन मैच लोगों का ध्यान आकर्षित करेगा और कुछ हद तक यह मजेदार भी होगा. लेकिन वैसा नहीं जैसा अब हो गया है.

कोलसर्ड कहते हैं कि चैट रूम के शरारती लोगों से भर जाने में बहुत अधिक समय नहीं लगा.

चाल पर चाल

इस ऑनलाइन मैच में नार्वे और शेष दुनिया के लोगों को एक चाल चुनने के लिए एक घंटे का समय दिया गया था. हर घंटे बाद सबसे मशहूर रहने वाली चाल को चला जाना था.

"खेल को प्रोत्साहित करने के लिए इस तरह के मैच बेहतरीन तरीका हैं. आमतौर पर ये बहुत सफल भी हुए हैं"

-सुसान पोलगर, दुनिया की पहली महिला ग्रैंडमास्टर

इस मुकाबले में नार्वे का आईपी एड्रेस रखने वाला हर व्यक्ति नार्वे की टीम के लिए और नार्वे के बाहर का आईपी एड्रेस रखने वाला व्यक्ति शेष दुनिया की टीम के लिए खेल सकता था.

यह ऑनलाइन मैच चेन्नई में  विश्वनाथन आनंद और नार्वे के मैग्नस कार्लसन के बीच होने वाले विश्व चैंपियनशिप मैच के साथ-साथ होना था.

यह मैच सोमवार को नार्वे के समय के मुताबिक़ सुबह दस बजे शुरू हो गया. इसके अगले चार दिन तक चलने की उम्मीद की जा रही थी.

हैशटैग #एपीएसजेएकेक का इस्तेमाल कर नार्वे के लोग इसे ट्विटर पर बढ़ावा दे रहे थे. शेष दुनिया के लोग इसके लिए हैशटैग #एपीसीएचईएसएस का इस्तेमाल कर रहे थे.

लेकिन खेल शुरू होने के कुछ देर बाद ही ऑफ़्टेनपोस्टेन की टीम ने शेष दुनिया के लोगों को संदेहास्पद चालें चलते हुए देखा. इसके 12 घंटे बाद उन्होंने दुरुपयोग का हवाला देते हुए खेल को पूरी तरह बंद कर दिया.

कोलसर्ड कहते हैं कि इसे एक विशिष्ट ऑनलाइन फ़ोरम ने भड़काने का काम किया, जिसे अब हटा दिया गया है.

ग़लत चालें

ट्विटर पर लिखे संदेशों में कहा गया है कि नार्वे के लोगों ने प्राक्सी सर्वर का उपयोग कर विपक्षी टीम की ओर से जान-बूझकर ग़लत चालें चलीं.

इस पर यह कहा गया कि जिन खातों से ये ट्विट किए गए, वो इसके पहले बहुत कम प्रयोग किए गए थे. इसलिए कहा जा रहा है कि वे असली खाते नहीं हो सकते हैं.

इसके लिए असंतुष्ट  भारतीय प्रशंसकों पर भी आरोप लगाया जा सकता है, जो कि विश्व चैंपियनशिप में  विश्वनाथन आनंद के पीछे रहने से इसे बंद कराना चाहते हों.

इस तरह का खेल आम बात है, गैरी कॉस्परोव भी शेष दुनिया की टीम के साथ खेलकर जीत चुके हैं. लेकिन इस तरह की छेड़छाड़ एकदम नई है.

विश्व चैंपियनशिप में कमेंट्री कर रहे चार अधिकारियों में से एक और दुनिया की पहली महिला ग्रैड मास्टर सुसान पोलगर कहती हैं,'' खेल को प्रोत्साहित करने के लिए इस तरह के मैच बेहतरीन तरीका हैं. आमतौर पर ये बहुत सफल भी हुए हैं.''

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