चेस की अच्छी प्लेयर भी है

मीनाक्षी को चेस में दिलचस्पी थी और इसके जरिए उसने कंसंट्रेशन करना सीखा। मीनाक्षी स्कूल और कॉलेज लेवल पर चेस की अच्छी प्लेयर भी है। जब हॉबी पढ़ाई पर हावी होने लगे तो लक्ष्य निश्चित समझा जाता है। इसे साबित किया है मीनाक्षी कुमारी ने। हाजीपुर के इंटर वीमेंस कॉलेज की स्टूडेंट मीनाक्षी ने बताया कि जब भी उसे कंसंटे्रशन की जरूरत होती थी, तो वह चेस खेलती थी। एक दिन में दो घंटे तक चेस खेलती थी। इससे उसे तैयारी करने में बहुत ही फायदा हुआ। इसके अलावा म्यूजिक से भी पढ़ाई का स्टे्रस काफी कम हुआ।

दादाजी ने हमेशा सराहा

मीनाक्षी ने बताया कि मुझे पढऩे के लिए कभी प्रेशर नहीं डाला गया। वैसे तो सबने सपोर्ट किया लेकिन मेरे दादाजी हमेशा मुझे बूस्टअप करते रहते थे। पढ़ाई के दौरान पूरी डिपेंडेंसी कॉलेज पर ही थी। इसके अलावा सात से आठ घंटे तक की डेली पढ़ाई करती थी। मीनाक्षी यूपीएससी करना चाहती है। हालांकि टॉप सेवेंथ रैंक तक पहुंचने के बारे में मीनाक्षी ने कभी नहीं सोचा था। वो बताती हैं कि मेहनत किया था, इस कारण इतना तो विश्वास था कि अच्छे माक्र्स आऐंगे। लेकिन टॉपर की उम्मीदें नहीं थी

मीनाक्षी कुमारी

फादर  - संजय कुमार तिवारी

मदर  - मधुबाला तिवारी

प्लस टू में सब्जेक्ट  - सोशियोलॉजी, म्यूजिक, होम साइंस

हॉबी  - शतरंज खेलना

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