व्रतियों ने दिनभर उपवास के बाद किया खरना, ग्रहण किया खीर-रोटी का प्रसाद

खरना के साथ ही शुरू हो गया 36 घंटे का निर्जला व्रत, अब सात को ही करेंगे पारण

ALLAHABAD: सूर्योपासना के महापर्व छठ के दूसरे दिन शनिवार को व्रतियों ने खरना किया। व्रती दिनभर पर उपवास रहे और सूर्यास्त के बाद मिट्टी के नये चूल्हे पर दूध, गुड़ व साठी के चावल से खीर बनाया। गेहूं के आटे की रोटी का प्रसाद बना। केले के पत्ते पर छठी मईया को इसका भोग लगाने के बाद प्रणाम कर व्रत पूरा करने के लिए आशिर्वाद मांगा। इसके बाद परिवार वालों के साथ बैठकर उन्होंने खीर-रोटी का प्रसाद ग्रहण किया। इस प्रसाद के बाद व्रतियों का 36 घंटे का व्रत प्रारंभ हो गया। अब वे सात नवंबर को सुबह उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देने के बाद ही अन्न व जल ग्रहण करेंगे।

आटा चक्कियों पर रही भीड़

छठ पूजा का गेहूं पिसवाने के लिए शनिवार को शहर की आटा चक्कियों पर भीड़ उमड़ी। आटा चक्की संचालकों ने भी पर्व महत्ता को ध्यान में रखते हुए पहले चक्की की साफ-सफाई की और उसे धोने के बाद पर्व के गेहूं की पिसाई शुरू की। इस दौरान दूसरा कोई अनाज नहीं पीसा गया। पर्व का गेहूं समाप्त होने के बाद ही दूसरे अनाज की पिसाई शुरू की गई।

छठ पूजा घरों में बना प्रसाद

खरना के बाद उसी चूल्हे पर प्रसाद बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई जिस पर खरना का प्रसाद बनाया गया था। इस दौरान प्रसाद बनाने वाली महिलाएं छठ के गीत गाने के साथ प्रसाद तैयार करने में लगी रहीं। प्रसाद में ठेकुआ, खजूर आदि बनाया गया। घर के पुरुष सदस्य बाजार में छठ के प्रसाद फल-सब्जियों की खरीदारी में जुटे रहे। इस दौरान गन्ना, केला, सेब, संतरा, सिंघाड़ा, शकरकंद, मूली, अनानास, गॉगल, नींबू, सरीफा आदि की खरीदारी की गई।