चिदम्बरम ने कहा, "हम सबके भावना समझत बानी (हम सभी की भावना समझ रहे हैं)." उनके इतना कहने पर एकबारगी को सदन के सदस्य अचम्भित रह गए, लेकिन तुरंत मेजें थपथपाकर उनकी सराहना की. सदन की अध्यक्ष मीरा कुमार ने भी चिदम्बरम की तारीफ की, जो स्वयं बिहार से हैं.

कुमार ने कहा कि यह खुशी की बात है कि जिस चिदम्बरम को उन्होंने कभी हिन्दी में बोलते हुए भी नहीं सुना, वह सदन को भोजपुरी में सम्बोधित कर रहे हैं.

चिदम्बर लोकसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे, जिसमें भोजपुरी को बिहार की मूल भाषा के रूप में संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने और इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा देने पर बल दिया गया है.

चिदम्बरम ने सदन से वादा किया कि इससे सम्बंधित प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी. इस सम्बंध में दो समितियों की रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है. रिपोर्ट मिलने के तुरंत बाद इस दिशा में निर्णय लिए जाएंगे. लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने उम्मीद जताई कि भोजपुरी को आधिकारिक दर्जा देने के मुद्दे पर चिदम्बरम जल्द ही सदन में 'खुशखबरी' लेकर आएंगे.

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