- चेकिंग में लापरवाही की शिकायतों के बाद यूनिवर्सिटी ने बदली मूल्याकंन व्यवस्था

- 25 परीक्षकों पर एक सेुपरवाइजर नियुक्त, गड़बड़ी मिलने पर ले रहे क्लास

KANPUR: छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को अब कम मा‌र्क्स दिए जाने या कॉपी अच्छी तरह से नहीं चेक होने की शिकायत नहीं रहेगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यूपी बोर्ड की तर्ज पर ही परीक्षकों पर प्रधान परीक्षक तैनात कर दिए हैं। प्रधान परीक्षक चेक की हुई कॉपी को री चेक कर रहे हैं। अगर किसी कॉपी का मूल्यांकन सही नहीं हुआ है तो संबंधित टीचर को बुलाकर ठीक कराया जा रहा है।

75 की जगह दिए 45

पिछले साल परीक्षकों ने कॉपी चेकिंग में जबरदस्त लापरवाही की थी। 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने मूल्यांकन सिस्टम पर उंगली उठाई थी। एक मेरीटोरियस छात्रा को केमेस्ट्री में 45 मा‌र्क्स मिले तो उसने सीनियर पुलिस ऑफिसर से सिफारिश कराई तब जाकर कॉपी री चेक की गई। इसके बाद छात्रा को 75 नंबर मिले थे। मामले में परीक्षक से यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जवाब तलब किया तो उन्होंने आंख की रोशनी कमजोर होने का हवाला दिया। इसी तरह रीचेकिंग में कई परीक्षकों की पोल खुल गई।

रीचेकिंग में भारी गलतियां मिलीं

सीएसजेएमयू प्रशासन ने एलएलबी के मूल्यांकन में पहली बार परीक्षकों के ऊपर प्रधान परीक्षक बैठा दिए थे। प्रधान परीक्षकों ने परीक्षकों की चेक की हुई कॉपी को चेक किया भारी गलतियां पकड़ी गईं। वार्षिक परीक्षा के मूल्यांकन में भी 25 परीक्षकों पर एक प्रधान परीक्षक नियुक्त किया गया है।

वर्जन

यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स ने लास्ट इयर परीक्षकों की चेक की गई कॉपी पर सवाल खड़े किए थे। जिसकी वजह से कॉपी चेक करने की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। परीक्षकों की गलतियां पकड़ने के लिए प्रधान परीक्षक नियुक्त किए गए हैं। इससे स्टूडेंट्स को फायदा मिल रहा है।

राज बहादुर यादव, परीक्षा नियंत्रक सीएसजेएमयू