RANCHI: चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के तीन मामलों में मुख्यमंत्री रघुवर दास सहित क्ख् आरोपियों की सोमवार को जमशेदपुर सीजेएम जीके तिवारी व न्यायिक दंडाधिकारी एसएन लमाय की कोर्ट में पेशी हुई। न्यायिक दंडाधिकारी एसएन लमाय की कोर्ट में दो मामले में सीआरपीसी फ्क्फ् के तहत रघुवर दास का बयान दर्ज किया गया। सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा कि बागुनहातु के दुर्गा पूजा मैदान स्थित सामुदायिक भवन में उन्होंने बिना अनुमति की बैठक की थी या नहीं? मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि यह उन पर गलत आरोप है। उन्होंने बैठक नहीं की थी। कोर्ट ने पूछा कि प्रभाकर राव के घर में उन्होंने भाजपा का कार्यालय बिना अनुमति से खोल कर भाजपा का झंडा बैनर लगाया था या नहीं? मुख्यमंत्री ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि यह उन पर गलत आरोप है। उन्होंने झंडा बैनर नहीं लगवाये थे और न ही चुनाव कार्यालय खोला था। कोर्ट ने मुख्यमंत्री से पूछा कि उन्होंने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है? तो मुख्यमंत्री ने कोर्ट से कहा कि नहीं।

ख्0 नवंबर ख्009 को हुई थी प्राथमिकी

इसी मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ दूसरे आरोपी प्रभाकर राव उर्फ पुरी व चंद्रशेखर मिश्रा की भी कोर्ट में गवाही हुई। गवाही के दौरान प्रभाकर राव व चंद्रशेखर मिश्रा कठघरे में खड़े थे। वहीं मुख्यमंत्री न्यायिक दंडाधिकारी के सामने खड़े थे और उन्हें अधिवक्ताओं ने घेर रखा था। तत्कालीन सहकारिता पदाधिकारी परमहंस शर्मा ने रघुवर दास, चंद्रशेखर मिश्रा व प्रभाकर राव पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सिदगोड़ा थाना में ख्0 नवंबर ख्009 को प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। वहीं दूसरे मामले में सहकारिता आपूर्ति पदाधिकारी शिवेंद्र मोहन कुमार ने रघुवर दास के खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए सिदगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।

अब सीआरपीसी फ्क्फ् के तहत बयान

इससे पूर्व सीजेएम जीके तिवारी की कोर्ट में मुख्यमंत्री सहित मुकुंद मिश्रा, ललन द्विवेदी, लालजी सिंह, सुरंजन राय, मनोज सिंह, प्रभु राम मुंडा, रुपेश झा, हरि किशोर तिवारी, संजय सोनकर, रत्नेश सिंह व संगम अग्रवाल पेश हुए। कोर्ट ने गवाही प्रक्रिया को सोमवार को बंद कर दिया। अब अगली तिथि में सीआरपीसी फ्क्फ् के तहत आरोपियों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू होगी। वर्ष ख्009 में बिष्टुपुर थाना में अयोध्या सिंह के बयान पर रघुवर दास सहित क्ख् लोगों के खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था।