मेडिकल स्टोर पर करेंसी न लेने का पिता ने लगाया आरोप

BAREILLY:

करेंसी बैन की क्राइसिस के बीच वेडनसडे देर रात को शहर के एक हॉस्पिटल में मासूम की मौत हो गई।

मामला डीडीपुरम स्थित केयर हॉस्पिटल का है। हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर दवाओं के लिए 500-1000 के नोट न लिए जाने के आरोप हैं। परिजनों ने खुले पैसे खत्म होने पर बड़े नोट से ही दवा दिए जाने की मिन्नत की थी। हालांकि इस दौरान हॉस्पिटल में बच्चे का इलाज जारी था। परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन पर भी बच्चे की मौत के बाद उसे किसी और हॉस्पिटल में रेफर करने का आरोप लगाया है। इससे समय रहते बच्चे को इलाज के लिए कहीं और न ले जाने पर परिजन गमगीन हैं।

बुखार से हालत थी गंभीर

खुदागंज के दीपपुर निवासी शाहनवाज आलम का बेटा मो। अजहर, उम्र 7 साल पिछले 10 दिन से बुखार से गंभीर रूप से पीडि़त था। शुरुआती 6 दिन आसपास के क्लिनिक में जांच व इलाज कराने पर परिजनों के खुले पैसे खत्म होने लगे। इसके बावजूद बच्चे को आराम न मिला। वेडनसडे को तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे केयर हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। परिजनों ने पास में रखे सारे खुले पैसे हॉस्पिटल काउंटर पर जमा कर दिए। जिसके बाद बच्चे की अल्ट्रासाउंड जांच व इलाज शुरू हो गया था, लेकिन मेडिकल स्टोर पर दवा खरीदने के लिए 500 का नोट न लिया गया। वेडनसडे रात बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिस पर परिजन शव रात 12 बजे घर ले गए।

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हम तीमारदारों से पुराने नोट ले रहे हैं। बच्चे के परिजनों से भी दवा के लिए 1500 रुपए के पुराने नोट लिए गए थे। न जाने परिजन ऐसा क्यों कह रहे हैं। - कौशल, मेडिकल स्टोर संचालक