- डफरिन में डॉक्टर्स और सिस्टर की गलती से मरीज परेशान

- इमरजेंसी की बजाए भेज दिया ओपीडी में

LUCKNOW: वीरांगना अवंती बाई महिला चिकित्सालय (डफरिन) डॉक्टर और सिस्टर ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी। सुबह सात बजे खदरा निवासी नसरीम डफरिन की इमरजेंसी पहुंची। लेबर पेन से कराह रही पेशेंट को नर्स ने कह दिया कि ओपीडी में डॉक्टर को दिखाकर आना। नसरीम घंटे भर तक ओपीडी में इंतजार करती रही और कुछ समय बाद उसने ओपीडी केफर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।

उसके बाद भी आधे घंटे तक वह दर्द से तड़पती रही और नवजात ठड़े फर्श पर पड़ा रहा। ओपीडी में नेशनल हेल्थ मिशन की टीम दौरा किया तो प्रसूता को देखा जिसके बाद टीम में शामिल बाल रोग विशेषज्ञ ने नवजात की नाल काटकर मां से अलग किया और प्रसूता और नवजात को लेबर रूम में पहुंचाया।

समय से नही आई थी डॉक्टर

नसरीम के मुताबिक लगभग आठ बजे तक वह ओपीडी में रही लेकिन एक भी डॉक्टर नहीं आया। जिसके बाद इमरजेंसी गई तो फिर सिस्टर ने उसे ओपीडी में ही इंतजार करने की बात कही। नसरीम ओपीडी में पड़ी कुर्सी पर बैठ गई। कुछ देर बाद तेज प्रसव पीड़ा होने पर वह ओपीडी में ही जमीन पर लेट गई और वहीं बच्चे को जन्म दिया। लेकिन उस समय तक ओपीडी में डॉक्टर और कर्मचारी नहीं थे। करीब पौने नौ बजे नेशनल हेल्थ मिशन अस्पताल का सर्वे करते हुए ओपीडी पहुंची तो वहां प्रसूता और नवजात शिशु को फर्श पर पड़ा हुआ देखा। टीम में मौजूद बाल रोग विशेषज्ञ ने ओपीडी में ही नवजात की नाल काटी और नर्सो को बुलाकर प्रसूता और नवजात को लेबर रूम में पहुंचाया।

कोट -

नवजात और प्रसूता स्वस्थ्य है। हो सकता है कि इमरजेंसी में गर्भवती महिला ही देर से आई हो इसलिए ऐसा हुआ होगा। मामले की जांच सीएमएस डॉ। रेखा गौड़ कर रही हैं। अगर किसी स्टाफ की गलती है तो कार्रवाही की जाएंगी।

डॉ। पीके पाठक, अधीक्षक