- दिल्ली गेट स्थित हॉस्पिटल में कराया था एडमिट

- परिजनों का आरोप कोई डॉक्टर देखने नहीं आया

आगरा। थाना हरीपर्वत के दिल्ली गेट में डॉक्टर की लापरवाही ने बुधवार को एक बच्चे की जान ले ली। परिजनों का आरोप है कि बच्चे की तबियत बिगड़ती चली गई, लेकिन बार-बार बुलाने पर भी कोई डॉक्टर उसे देखने नहीं आया। इलाज के अभाव में बच्चे की मौत का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा कर दिया। पुलिस पहुंच गई।

बुखार आने पर कराया एडमिट

दौरठा नम्बर-1, शाहगंज निवासी 11 वर्षीय निशांत सातवीं का छात्र था। पिता दिलीप कुमार वर्मा प्राइवेट बैंक में कार्यरत हैं। सोमवार शाम निशांत की तबियत अचानक खराब हो गई। बुखार आने पर परिजनों ने उसे दिल्ली गेट स्थित एक हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया। परिजनों का आरोप है कि एडमिट होने के बाद डॉक्टर उसे देखने नहीं आए। मंगलवार रात उसकी तबियत और बिगड़ने लगी। इसके बाद भी कोई डॉक्टर उसे देखने नहीं पहुंचा।

सुबह तोड़ दिया दम

बुधवार सुबह छह बजे उसकी मौत हो गई। तब जाकर डॉक्टर मौके पर पहुंचे। बच्चे की मौत के बाद स्टाफ ने शव को हॉस्पिटल से बाहर निकाल दिया। शव को लावारिस की तरह छोड़ने पर परिजन बौखला गए। परिजनों ने डॉक्टर से कहा कि जब आना था, तब क्यों नहीं आए। उनका बेटा इलाज के अभाव में हाथ से चला गया। परिजनों के मुताबिक डॉक्टर ने उस दौरान कहा कि उसके दांत में दर्द हो रहा था, इसलिए नहीं आए।

दूसरे डॉक्टर को भी नहीं बुलाया

परिजनों ने बताया कि मंगलवार रात जब निशांत की तबियत खराब हुई, थी तब यहां पर डॉक्टर को बुलाने की मांग की गई, लेकिन डॉक्टर नहीं आए। इस पर परिजनों ने बाहर से खुद डॉक्टर को बुलाने को कहा, तो मना कर दिया गया। स्टाफ ने कहा कि हॉस्पिटल में यहीं के डॉक्टर मरीज को देखेंगे, बाहर का कोई डॉक्टर नहीं आएगा। हॉस्पिटल में हंगामा होने पर थाना हरीपर्वत पुलिस पहुंच गई। परिजन मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजने को कहा, लेकिन परिजनों ने मना कर दिया। परिजन शव लेकर चले गए। परिजनों के मुताबिक पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।