- कोई मम्मी पापा, तो कोई अपनी गर्लफ्रेंड से झगड़ा होने पर कर रहा कॉल

- कई स्टूडेंट्स अपने बोर्ड एग्जाम के टेंशन को लेकर भी करते हैं कॉल्स

<- कोई मम्मी पापा, तो कोई अपनी गर्लफ्रेंड से झगड़ा होने पर कर रहा कॉल

- कई स्टूडेंट्स अपने बोर्ड एग्जाम के टेंशन को लेकर भी करते हैं कॉल्स

BAREILLYBAREILLY:

केस : क्

शहर के महानगर के एक बच्चे ने कॉल्स कर सूचना दी कि उसके मम्मी पापा झगड़ा करते हैं। घर में झगड़ा होने से वह टेंशन में आ जाता है। इसके लिए उसके मम्मी पापा को समझाया जाए। इस पर बच्चे के पिता से बातकर उनको समझाया कि वह झगड़ा ना किया करें अन्यथा स्थानीय चाइल्ड लाइन पुलिस के साथ घर पहुंचेगी और उनके खिलाफ एक्शन ि1लया जाएगा.

केस : ख्

शहर के ही हाईस्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे ने क्098 पर कॉल कर बताया कि उसके साथ एक लड़की पढ़ती थी। शुरू में उसकी बात होती थी लेकिन अब बात नहीं होती। इससे वह परेशान है। बोर्ड एग्जाम नजदीक हैं और उसका पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है। इस पर बच्चे को पढ़ाई में मन लगाने को कहा कर उसे समझाया गया

केस : फ्

प्राइवेट स्कूल से सीबीएसई में पढ़ाई करने वाले एक किशोर ने कॉल कर पूछा कि मैथ्स में वह कमजोर है। इसका कोई समाधान है तो बताएं। इस पर काउंसलर से बात करा उसकी समस्या का समाधान निकालने की कोशिश की गई। उसे अपने साथियों और टीचर्स से हेल्प लेने को कहा गया। इस तरह काउंसलर ने कई जरूरी टिप्स दिए जिसके बाद बच्चा रिलेक्स हुआ।

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चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर क्098 पर एसी ही अजब-गजब कॉल्स रोज आ रही हैं। बच्चों के साथ होने वाले अपराध और अत्याचार की सूचना देने के लिए बनाई गई इस हेल्पलाइन पर अब निजी समस्याओं की कॉल आने से कॉल अटेंडेंट भी चकरा जाते हैं। उन्हें जब कोई जवाब नहीं सूझता तो वे अपने काउंसलर से उनकी बात करा देते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि यह हेल्पलाइन बच्चों की समस्या का समाधान देने के लिए ही है। ऐसे में कॉल अटेंडेंट को बच्चे की समस्या का समाधान खोजना ही पड़ता है ताकि वह निराश न हो।

हेड आफिस जाती है कॉल्स

महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा क्098 चाइल्ड हेल्प लाइन पर जब भी कोई बच्चा अपनी शिकायत दर्ज कराता है तो वह सीधे हेड आफिस में दर्ज होती है। इसके बाद यहां से उस जगह कॉल जाती है, जहां से बच्चे ने चाइल्ड लाइन को कॉल की थी। फिर वहां की चाइल्ड लाइन से टीम बच्चे के पास पहुंच कर उसकी समस्या का समाधान करने की कोशिश करते हैं। कई बार बच्चे की फोन पर भी काउंसिलंग कर उसकी समस्या का समाधान किया जाता है।

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जो बच्चा क्098 पर कॉल्स करता है तो वह हेड आफिस जाता है। वहां से सूचना हमारे पास आती है। हां जिन बच्चों को किसी तरह की समस्या आती है तो उसकी काउंसलिंग कर समाधान भी किया जाता है। चाहे एजुकेशन रिलेटेड हो या फिर बच्चों को टार्चर करने की।

गजेन्द्र गंगवार, चाइल्ड लाइन इंचार्ज

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बॉक्स : इसलिए है यह नंबर

- नंबर के माध्यम से क्8 साल तक के जरूरतमंद बच्चों को आवश्यक सुविधाएं दिलाई जा सकेंगी

- ख्ब् घंटे खुले रहने वाले इस हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से बाल श्रम, बाल विवाह, यौन शोषण, गुमशुदगी, उत्पीड़न, बच्चे के अकेले होने की जानकारी दी जा सकती है।

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