- कोर्ट में पेश करने से पहले मेडिकल में डाक्टर ने उम्र लिखी 17 साल

- एसटीएससी आयोग के चेयरमैन ने पीडि़त परिवार से की मुलाकात

LUCKNOW :

1090 चौराहे पर हुई ऋतिक की हत्या का खुलासा पुलिस के गले की फांस बनता जा रहा है। हत्यारोपी दिव्यांग को गिरफ्तार करने से लेकर उसे कोर्ट में पेश करने तक पुलिस को सवालों के कठघरे में खड़ा होना पड़ा। हत्यारोपी को कोर्ट में पेश करने पुलिस पहुंची तो वो नाबालिग निकला, जिस पर कोर्ट ने उसे जुवेनाइल कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया। इसके बार पुलिस ने उसे जुवेनाइल कोर्ट में पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया।

डॉक्टर ने बताया नाबालिग

हत्या में पकड़े गए आरोपी का शुक्रवार को मेडिकल कराया गया, जिसमें डॉक्टरों ने उसकी उम्र 17 साल बताई। जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने उसे किशोर न्यायालय के समक्ष पेश किया। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने पूछताछ में अपने को बालिग बताया था। पुलिस अब आरोपी की सही उम्र का पता लगाने के लिए उसका मेडिकल परीक्षण कराएगी। जिसके बाद उसे जेल भेजना है या फिर किशोर बाल सुधार गृह इसका निर्णय होगा।

उच्चस्तरीय जांच की मांग

इस मामले में आरोपी की परिचित सामाजिक उद्यमी महिला प्रिया सक्सेना ने पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल उठाए हैं। प्रिया शुक्रवार सुबह हजरतगंज कोतवाली पहुंचीं और इंस्पेक्टर से कई बिंदुओं पर सवाल किए। प्रिया का कहना है कि गुरुवार को आरोपी दिव्यांग ने उन्हें फोन किया था। इस पर प्रिया ने ही उसे कोतवाली में जाकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। प्रिया के मुताबिक आरोपी दिव्यांग से उनकी मुलाकात 1090 चौराहे के फुटपाथ चार साल पहले हुई थी। प्रिया ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कर सच्चाई से पर्दा उठाने की मांग की है।

पीडि़त परिवार से मिले पूर्व डीजीपी

1090 चौराहे पर मासूम की हत्या के चौथे दिन शुक्रवार को एससीएसटी आयोग के चेयरमैन व पूर्व डीजीपी बृजलाल ने पीडि़त परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले की साप्ताहिक रिपोर्ट एसएसपी से लेंगे। इसकी सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट से कराए और आरोपी को सजा दिलवाएंगे।

साढ़े आठ लाख की आर्थिक मदद

उन्होंने कहा कि पीडि़त परिवार को आयोग की तरफ से 8 लाख 50 हजार की आर्थिक मदद दी जाएगी। उन्होंने सीओ हजरतगंज को इससे संबंधित सभी दस्तावेज बनवाकर समाज कल्याण अधिकारी को सौंपने के लिए कहा है। आयोग के चेयरमैन ने पीडि़त परिवार से कहा कि तीन से चार दिन के भीतर खाते में चार लाख 12 हजार 500 रुपये जमा कर दिए जाएंगे।

नियमावली के चलते फंसा पेंच

आर्थिक सहायता की नई नियमावली से ऋतिक के परिवार को आर्थिक सहायता देने की घोषणा के साथ ही पेंच भी फंस गया है। आयोग ने आर्थिक सहायता के रूप में 4 लाख साढ़े 12 हजार अभी और बाकी 4 लाख साढ़े 12 हजार रुपये चार्जशीट लगने के बाद पीडि़त परिवार को देने की घोषणा की थी। आर्थिक सहायता देने समाज कल्याण की नई नियमावली में आश्रितों को आर्थिक सहायता दी जाती है, लेकिन इस मामले में ऋतिक की उम्र मात्र 10 साल है और परिवार उस पर आश्रित नहीं था। हालांकि पुलिस ने पीडि़त परिवार को मदद देने के लिए समाज कल्याण विभाग को अपनी रिपोर्ट दे दी है।