- 7 सालों तक वि5ाग ने नहीं जुटाया है बाल मजदूरों का डाटा, सीडीओ ने जताई नाराजगी

- अब 7 दिनों में डाटा जुटाकर वर्ष 2011 की अपडेट सूची सौंपने के सीडीओ ने दिए निर्देश

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- 7 सालों तक विभाग ने नहीं जुटाया है बाल मजदूरों का डाटा, सीडीओ ने जताई नाराजगी

- अब 7 दिनों में डाटा जुटाकर वर्ष 2011 की अपडेट सूची सौंपने के सीडीओ ने दिए निर्देश

BAREILLY:

BAREILLY:

श्रम विभाग के अधिकारियों को जिले में बाल श्रम में लिप्त बच्चों का डाटा ही नहीं पता है। पिछले करीब 7 वर्षो से श्रम विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, जिसका खुलासा सीडीओ की मीटिंग में हुआ। सीडीओ ने अधिकारियों की सुस्ती पर नाराजगी जताते हुए उन्हें आगामी 7 दिनों में अपडेट डाटा के साथ तलब किया है। साथ ही, जिले भर में बाल श्रम में लिप्त बच्चों की पूरी संख्या बताने के आदेश दिए हैं। वहीं, मीटिंग में अगर फिर से अधिकारियों ने सूची उपलब्ध नहीं कराई तो नोटिस जारी किए जाने की संभावना है।

7 साल बाद खाली हाथ

वर्ष 2011 में आर्थिक और सामाजिक जनगणना का डाटा ही विभाग के पास मौजूद है। जिसको लेकर श्रम विभाग के अधिकारी सीडीओ की मीटिंग में पहुंचे थे। जिसके अनुसार जिले में 48 हजार बाल मजदूर हैं। इसमें भी कितने बच्चे किस तरह की मजदूरी में लिप्त हैं। यह बताने में अधिकारी असमर्थ रहे। वहीं, विगत 7 वर्षो में कितने बच्चे एडल्ट कैटेगरी में पहुंच चुके हैं, इसकी भी गणना विभाग ने नहीं की है। योजनाओं के तहत अब तक कितने बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया और उन्हें क्या सुविधाएं प्रदान की गई इसका डाटा भी अधिकारी उपलब्ध नहीं करा सके।

अब की जाएगी खानापूर्ति

पिछले 7 वर्ष में कितने बच्चे युवा हुए और कितने बच्चे किस काम में लिप्त हैं और कितने अब तक बढ़ गए हैं, का डाटा सीडीओ ने 7 दिन में मांगा है। 7 वर्षो तक विभाग के बाहर कदम न रखने वाले श्रम विभाग के अधिकारी अब जिले का पूरा डाटा कैसे तैयार करेंगे। इस पर सवालिया निशान लगना लाजिमी है। हालांकि, अधिकारी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर संकलित डाटा को अपडेट करते समेत अब तक चले अभियानों के अनुसार अनुमानित संख्या सीडीओ को सौंपने की बात कह रहे हैं। 90 परसेंट अनुमानित संख्या का सत्यापन किया जाएगा।

बाल श्रम में लिप्त बच्चों का डाटा अपडेट न होना काफी गंभीर मामला है। 21 दिसंबर को अपडेट डाटा के साथ अधिकारियों की मीटिंग बुलाई है।

सत्येंद्र कुमार, सीडीओ

डाटा अपडेट न होने पर सीडीओ ने नाराजगी जताई। आगामी मीटिंग में बाल श्रम में लिप्त बच्चों का डाटा उपलब्ध कराने की तेजी से तैयारी हो रही है।

महीप सिंह, श्रम प्रवर्तन अधिकारी