-चाइल्ड लेबर पर रोक को लेकर डिपार्टमेंट नहीं दे रहा ध्यान

-अब बंगाल, बिहार और ओडि़शा के सीएम को पत्र लिखकर रोक लगाने की मांग

JAMSHEDPUR : आखिर चाइल्ड लेबर पर कैसे रोक लग सकेगी, जब पड़ोसी स्टेट से चाइल्ड लेबर्स का यहां आना नहीं रुकेगा। बाल मजदूर मुक्ति सेना संस्थान ने वेस्ट बंगाल, ओडि़शा और बिहार के सीएम को पत्र लिखकर वहां से बच्चों के हो रहे पलायन व चाइल्ड लेबर पर रोक लगाने की मांग की है। संस्थान के चीफ कन्वेनर सदन कुमार ठाकुर ने भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एंड इम्प्लाईमेंट को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद मिनिस्ट्री द्वारा झारखंड सरकार के लेबर कमिश्नर को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई करने को कहा है।

लालच देकर लाया जाता है

तीनों स्टेट के सीएम को लिखे लेटर में संस्थान के चीफ कन्वेनर सदन ठाकुर ने कहा कि गरीब फैमिली को पैसों का लालच देकर दलाल किस्म के लोगों द्वारा उनके बच्चों के यहां लाकर काम करवाया जाता है। उन्होंने बच्चों का नाम व उम्र के साथ पूरी लिस्ट भी संबंधित स्टेट को भेजी है।

सबसे ज्यादा ब्फ्क्ब् चाइल्ड लेबर वेस्ट बंगाल के

इसमें अहम बात यह है कि सबसे ज्यादा चाइल्ड लेबर्स वेस्ट बंगाल के हैं। सीएम को भेजे गए लेटर में कहा गया है कि वेस्ट बंगाल के पुरूलिया डिस्ट्रिक्ट के बलरामपुर, कुशालडीह, बागमुंडी, बंदवान सहित अन्य प्लेसेज से चाइल्ड लेबर को लाया जाता है। सिटी में इनकी संख्या सबसे ज्यादा यानी ब्,फ्क्फ् है। इसके अलावा उड़ीसा के जसपुर, बहालदा व झारसुगुड़ा आदि जगहों से और बिहार के नवादा, मुंगेर, बिहार शरीफ व छपरा से बच्चों को लाकर मजदूरी करवायी जाती है।

दूसरे स्टेट से आने वाले चाइल्ड लेबर्स

स्टेट संख्या

वेस्ट बंगाल ब्फ्क्फ्

ओडि़शा क्भ्ख्फ्

बिहार ख्ख्क्भ्

टोटल 80भ्क्

बाल मजदूरी पर रोक लगाने को लेकर संबंधित विभाग से कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब उन राज्यों के सीएम को पत्र लिखकर इसपर ध्यान देने की मांग की गई है, जहां से ज्यादा संख्या में बच्चों को मजदूरी के लिए लाया जाता है।

-सदन कुमार ठाकुर, चीफ कन्वेनर, बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान