दिल्ली हाईकोर्ट ने बाल अधिकार कानून के तहत जारी किया था आदेश

देशभर के सभी स्टेशनों पर जल्द खुलेगा चिल्ड्रेन असिस्टेंस सेंटर

चेयरमैन ऑफ रेलवे बोर्ड ने जारी किया सभी जीएम को सेंटर खोलने का निर्देश

ajeet.singh@inext.co.in

ALLAHABAD:अगर रेल सफर के दौरान अगर आपका बच्चा कहीं आपसे रास्ते में बिछड़ जाए या फिर वह किसी स्टेशन पर छूट जाए, तो उसके लिए आपको हैरान व परेशान होने की जरूरत नहीं हैं। क्योंकि हाल ही में रेलवे बोर्ड की तरफ से देश भर के सभी रेलवे स्टेशनों पर चिल्ड्रेन असिस्टेंस सेंटर खोलने का निर्देश दिया गया है। जहां रेलवे के कर्मचारी बच्चों की न सिर्फ देखभाल करेंगे बल्कि उनको सही सलामत उनके घर पहुंचाने की पूरी व्यावस्था भी करेंगे। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की तरफ से स्टेशंस पर सेंटर खोलने का यह निर्देश देश भर के समस्त महाप्रबंधकों को भेजा जा चुका है।

क्यों पड़ी सेंटर की जरूरत

नई दिल्ली की रहने वाली खुशबू जैन ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। उसमें खुशबू ने कहा था कि दिल्ली के अलावा अन्य शहरों के विभिन्न स्टेशनों पर अपनों से बिछड़े बच्चों और या फिर किसी कारणवश स्टेशन पर फंसे फैमिली मेंबर्स के बच्चों की देखभाल के लिए विशेष कदम उठाया जाएं। दिल्ली हाईकोर्ट ने इसे काफी गंभीरता से लिया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए रेलवे को निर्देश दिया कि वह देश भर के सभी स्टेशनों पर चिल्ड्रेन असिस्टेंस सेंटर खोलने का आदेश दिया था। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने एक चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी बनाकर उससे संबंधित नोडल आफिसर को चिल्ड्रेन असिस्टेंस सेंटर खोलने का निर्देश जारी किया।

योजना पर काम शुरू

हाई कोर्ट के आदेश के बाद देश भर में इस योजना पर तेजी से काम शुरू हो गया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने सभी जोन के महाप्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिया है, जिसमें यह साफ तौर पर कहा गया है कि तत्काल ही सभी महाप्रबंधक अपने जोन स्तर पर सेंटर खोलने का काम तेजी से करें, जिससे आने वाले दिनों में इस स्टेशनों पर बच्चों से जुड़ी समस्याओं को समाप्त किया जा सके। वहीं सेंटर के बेहतर संचालन के लिए जोनल स्तर पर चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी बनेगी।

क्या मिलेगी यहां सुविधाएं

रेलवे बोर्ड की तरफ से चिल्ड्रेन असिस्टेंस सेंटर में रहने वाले बच्चों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मुहैया करायी ग‌ई्र हैं। इसमें बच्चों के लिए एक कमरा, खाने पीने का सामान, खिलौना, टॉयलेट और साथ ही बीमार होने पर उन्हें प्राथमिक उपचार की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा सेंटर से चाइल्ड वेलफेयर आफिसर, जीआरपी, आरपीएफ, लोकल चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के लोग हमेशा बच्चों के सम्पर्क में रहेंगे। जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की कोई असुविधा हो तो उसे तत्काल किसी भी तरह से दूर किया जा सके। इतना ही इन बच्चों के प्रॉपर देखभाल के लिए एक आया तैनात की जाएगी जो हर पल बच्चों का ख्याल रखेगी। बता दें कि इस कमेटी में जिन्हें शामिल किया गया उन अफसरों में जीआरपी के स्टेशन अफसर एसएचओ, आरपीएफ के इंस्पेक्टर, चीफ टिकट इंस्पेक्टर, टीटीई और सीनियर सेक्शन इंजीनियर यानि के एसएसई आदि होंगे।

79 बच्चों को घर भेजा गया

जीआरपी के मुताबिक पिछले तीन सालो में करीब दो सौ से अधिक बच्चें स्टेशन पर अपने फैमिली मेंबर्स से बिछ़ड गए थे। जिसके बाद इन बच्चों को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया जाता है। जहां उनकी सही मायने में देख भाल होती है। वहीं जीआरपी के आकड़े पर नजर डाले तो पिछले स्टेशन के अलग अलग प्लेटफार्म से करीब 79 बच्चे अपने फैमिली मेंबर्स से बिछड़ गए थे इनमे से कुछ को उनके परिवर के बार में जानकारी हासिल करने के बाद घर भेज दिया गया। अन्य बच्चों को चाइल्ड लाइन भेज दिया गया। वहीं ख्0क्ख् में स्टेशन पर से कुल 7क् बच्चे बरामद हुए इन सबको चाइल्ड लाइन भेजा गया। ख्0क्क् में फ्0 बच्चे मिलें।

रेलवे ने चाइल्ड लाइन को भेजा

जीआरपी व आरपीएफ के अलावा रेल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अब करीब सैकड़ों बच्चों को चाइल्ड लाइन के हवाले किया है। स्टेशन के एक अधिकारी के मुताबिक पिछले दो सालों में जंक्शन के प्लेटफार्म पर पचास से अधिक बच्चे डिपार्टमेंट को गुमशुदा हालत में मिले, मगर पूछताछ में कोई खास जानकारी उनके पैरेंट्स के बारे नहीं मिलने पर उन्हें चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया।

रेलवे बोर्ड के निर्देश के बाद एनसीआर डिविजन के अंतर्गत खोलने जाने वाले चाइल्ड असिस्टेंस सेंटर के लिए कई जंक्शन को चिंहित किया गया है। इसमें इलाहाबाद जंक्शन के अलावा कानपुर, आगरा व मथुरा स्टेशन शामिल हैं। जल्द ही इन स्टेशनों पर सेंटर खोलने का काम शुरू हो जाएगा। इनके अलावा स्टेशन सुप्रिटेंडेंट को सेंटर का प्रभारी बनाया जाएगा।

नवीन बाबू सीपीआरओ एनसीआर डिविजन