aditya.jha@inext.co.in

PATNA : नोबेल शांति पुस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने आई नेक्स्ट की मुहिम 'बंद करो बाल विवाह' की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने आई नेक्स्ट से एक्सलूसिव बातचीत में कहा कि यह समाज का वह मुद्दा है जिसे पहली बार किसी समाचार पत्र ने इतनी गंभीरता के साथ उठाया है। मैं भी आई नेक्स्ट की इस मुहिम के साथ हूं। बाल विवाह रोकने के लिए अधिकारियों से बात करूंगा। आपको बता दें कैलाश सत्यार्थी शुक्रवार को राजधानी पटना में थे। सत्यार्थी विश्व के क्ब्ब् देशों में 8फ्,000 हजार से अधिक बच्चों के अधिकार के रक्षा हेतु कार्य कर चुके हैं । इनके प्रयासों के कारण ही क्999 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा बाल-श्रम संगठन की निकृष्टम श्रेणियों पर संधि संख्या क्8ख् को अंगीकृत किया गया।

भारत में बाल विवाह मामले में बिहार दूसरे स्थान पर है। बाल विवाह रोकने को लेकर आई नेक्स्ट मुहिम भी चला रहा है। लेकिन यह अपराध समाज में स्वीकार कर लिया गया है, ऐसे में इसे कैसे रोका जा सकता है?

सबसे पहले तो मैं आई नेक्स्ट को बधाई दूंगा कि आपने ऐसे गंभीर मुद्दे को उठाया। मैं खुद आई नेक्स्ट की इस मुहिम को आगे ले जाऊंगा। नाबालिग लड़के-लड़कियों का विवाह कानूनी अपराध है। इस तरह की घटनाएं बिहार में लगातार हो रही है। इसे रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के लिए तत्परता दिखानी चाहिए। मैं इसके लिए संबंधित अधिकारियों से मिलूंगा और उन्हें कार्रवाई करने के लिए कहूंगा।

गत क्0 जुलाई को गांधी मैदान में सामूहिक बाल विवाह हुआ। इसमें राज्य सरकार के दो मंत्रीभी साक्षी बने। आई नेक्स्ट ने इसका खुलासा किया उसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई?

कानून सबके लिए एक समान है चाहे वो राज्य सरकार के मंत्री ही क्यों न हो। इस मामले में मैं खुद कार्रवाई के लिए प्रयास करूंगा।

एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के सुपौल में क्00 में भ्7 नाबालिग लड़कियों की विवाह होती है। क्या वजह है?

सुपौल की बात मेरे संज्ञान में नहीं है, इस तरह के बाल विवाह होने का मुख्य वजह अशिक्षा है। बिहार के सभी लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। समाज के सभी लोग अगर शिक्षित हो जाएंगे तो बाल विवाह अपने-आप बंद हो जाएगा।

बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है, उसके बावजूद यह थम नहीं रहा है?

गरीबी एक अभिशाप है, कुछ लोग धन के लोभ में नाबालिग बेटे का विवाह करा देते हैं। दहेज से मिलने वाले धन से वो अन्य जरूरत के सामान खरीदते हैं, जिससे उनका जीवन यापन होता है। इसके लिए बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता लोगों को जागरूक करेंगे, जिससे बाल विवाह जैसी कुप्रथा कम हो सके।