-घर से दोपहर को निकला था बाजार जाने के लिए, नहीं लौटा घर

-मां ने पढ़ाई और शैतानी पर डांटा तो घर से हो गया था गायब

<-घर से दोपहर को निकला था बाजार जाने के लिए, नहीं लौटा घर

-मां ने पढ़ाई और शैतानी पर डांटा तो घर से हो गया था गायब

BAREILLYBAREILLY:

बेटे को पढ़ाई के लिए डांटा तो उसने गुस्से में घर छोड़ दिया। वह घर के दोपहर को बाजार जाने को कहकर निकला था, लेकिन वह शाम तक घर नहीं पहुंचा। तो मां ने परिजनों के साथ बेटे को ढूंढने का प्रयास किया लेकिन उसका कहीं सुराग नहीं लगा। दो चार दिन तक जब कहीं सुराग नहीं लगा तो परिजनों ने उसकी गुमशुदगी थाने में दर्ज करा दी। लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी तो दर्ज कर ली। लेकिन गुमशुदा बेटे को नहीं तलाश सकी। आज भी गुमशुदा की मां उसके आने की राह देखती रहती है, कि कब उसका बेटा घर आएगा।

साढ़े तीन साल पहले हुआ था गुम

सुभाषनगर थाना के गांव चौबारी निवासी मुन्ने अली ने बताया कि वह करीब चार साल पहले ही फरीदपुर के मोहल्ला मिर्धान बीसलपुर रोड पर परिवार के साथ रहने लगे। परिवार में पत्नी शहाना, तीन बेटे और एक बेटी गुलबहार है। गुमशुदा की मां शहाना ने बताया कि उनका बेटा मुजाहिद करीब क्ख् वर्ष साढ़े तीन साल पहले बाजार जाने को कहकर निकला था। उसके बाद गुमशुदा हो गया था। उसे काफी तलाश किया लेकिन उसका सुराग नहीं लगा। मुजाहिद के पिता ने परेशान होकर थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी लेकिन उससे भी कोई फायदा नहीं हुआ।

पढ़ाई में नहीं लगता था मन

गुमशुदा मुजाहिद की मां ने बताया कि उसका पढ़ने में मन नहीं लगता था। वह घर पर शैतानी कर रहा था। मुजाहिद का स्कूल में एडमिशन भी कराया था लेकिन वह स्कूल भी नहीं जाता था। इसी बात पर पढ़ाई के लिए डांट लगा दी। जिससे वह गुस्सा होकर घर के बाहर चला गया। तो लगा कि वह आसपास मार्केट में होगा। जब शाम तक नहीं आया तो परिवार के लोग परेशान हो गए। मुजाहिद की मां का कहना था कि मुझे क्या पता कि पढ़ाई के लिए डांटने पर बेटा उन्हें ही छोड़कर चला जाएगा। नहीं तो वह उसे नहीं डांटती। इस बार बेटा मिल जाए तो मैं उसे पढ़ाई के लिए नहीं डांट लगांउगी।

नहीं थे जेब में पैसे

मुजाहिद की मां ने बताया कि जब वह घर से गया था तो उसकी जेब में भी पैसे नहीं थे। लेकिन वह बगैर पैसे के कहां गया होगा, क्या खाया होगा। बेटे को याद करते हुए उसकी मां आज भी परेशान होती है। उन्होंने बताया कि बेटे के गम में उसके पिता मुन्ने कई दिन डिस्टर्ब रहे। पुलिस आफिस के भी चक्कर लगाए, लेकिन पुलिस में सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि वह खुद पढ़ी लिखी नहीं हैं तो वह चाहती थी कि बच्चे पढ़ लिख जाएं। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

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मामला काफी पुराना है, देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल जो भी बच्चे गुमशुदा हुए थे उनको तलाश करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

आरएन चौधरी, एसएचओ फरीदपुर