- मोबाइल चोरी का बच्चा गैंग एक्टिव

- प्रभावी कार्रवाई के अभाव में इस्तेमाल हो रहे बच्चे

-बाजारों में भेजकर मोबाइल चोरी करा रहा सरगना

केस - 1

मार्च माह में कोतवाली पुलिस ने मोबाइल चोरी गैंग के तीन सदस्यों को पकड़ा था। उनमें आठ साल का एक बच्चा भी शामिल था। चोरों के पास से 13 मोबाइल फोन बरामद हुए थे।

केस - 2

गोरखनाथ के पचपेड़वा में किराए पर कमरा लेकर रहने वाले दोनों युवक बच्चों से मोबाइल चोरी कराकर झारखंड में ले जाकर बेचते थे। इस गैंग के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई।

GORAKHPUR: यह दो केस तो एग्जामपल भर हैं। शहर में बच्चों के जरिए लोगों की जेब से मोबाइल उड़ाने वाले शातिर एक बार फिर मार्केट में हलचल मचाए हुए हैं। चोरी कराने वाला यह गैंग तीन साल से एक्टिव है। अगर आप भी मार्केट में सब्जी लेने के लिए जा रहे हैं और अगली पॉकेट में मोबाइल रखा हुए हैं, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। गैंग का सरगना 10-12 बच्चों की टीम बनाकर ऐसे ही मोबाइल गायब करा रहा है। पिछली दो-तीन घटनाओं के खुलासों में यह बात सामने भी आई है। पिछले दिनों गुलरिहा एरिया के साप्ताहिक बाजार में मोबाइल चुराते पकड़े गए आठ साल के मासूम पर तरस खाकर पब्लिक ने छोड़ दिया। पब्लिक की शिकायत पर पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

गोरखनाथ में रहता है सरगना

चिलुआताल एरिया जीतपुर में मंगलवार को बाजार लगती है। रामपुर गोपालपुर निवासी गोलू मंगलवार की शाम बाजार करने गए। वह सब्जी खरीद रहे थे। तभी उनके बगल में आकर एक बच्चा खड़ा हो गया। थोड़ी देर बाद मालूम हुआ कि गोलू के जेब में रखा मोबाइल गायब हो गया है। शक के आधार पर गोलू ने आठ साल के एक बच्चे को पकड़ा तो उसके पास से मोबाइल मिल गया। उससे पूछताछ में सामने आया कि गोरखनाथ इलाके में मंदिर के पीछे मोहल्ले में रहने वाला एक व्यक्ति उनसे चोरी कराता है। 10-12 बच्चों की टीम बनाकर वह दो-दो लड़कों को बाजारों में भेज देता है। सभी की उम्र आठ से 10 साल होगी।

एक मोबाइल का दो सौ रुपया

गैंग के बच्चे फलमंडी, नौसढ़, गोरखनाथ सहित कई बाजारों में पहुंचकर चोरी करते हैं। बच्चे ने बताया कि हम लोग उसे टारगेट करते हैं जो आगे की जेब में मोबाइल रखते हैं। मोबाइल चुराने के लिए एक बच्चा चारों ओर नजर रखता है जबकि दूसरा बच्चा झोला फैलाकर लोगों की जेब से मोबाइल निकाल लेता है। इसके बदले में उनको सरगना सौ से दो सौ रुपए देता है। बच्चे को पकड़कर लोगों ने सरहरी चौकी पुलिस को सौंप दिया। मासूम की हालत देखकर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकी।

तीन साल से एक्टिव है गैंग

शहर में मोबाइल चुराने वाला बच्चा गैंग तीन साल से एक्टिव है। मार्च में कोतवाली एरिया के बैंक रोड पर मोबाइल चुराते हुए बच्चा गैंग पकड़ा गया था। झारखंड के साहबगंज, महराजपुर निवासी राहुल कुमार और धर्म कुमार इन बच्चों को मोटीवेट करके चोरी करा रहे थे। प्रभावी कार्रवाई के अभाव में तीन साल से शहर में एक्टिव गैंग पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। लोगों का कहना है कि मोबाइल चोरी की सूचना देने पर पुलिस गंभीरता नहीं दिखाती। चोरी की जगह गुमशुदगी का मामला दर्ज करके टाल दिया जाता है।

पहले भी सामने आ चुके मामले

24 जुलाई 2018: चिलुआताल एरिया के जीतपुर बाजार में मोबाइल चुराते एक बच्चा पकड़ा गया।

25 जनवरी 2018: कैंट एरिया के खोआमंडी में चोरी करने के आरोप में बच्चे पकड़े गए।

10 मार्च 2018: कोतवाली एरिया के बैंक रोड पर मोबाइल चुराते गैंग के तीन सदस्य पकड़े गए, 13 मोबाइल फोन बरामद

15 दिसंबर 2018: गुलरिहा एरिया में चार बच्चों को पकड़कर पुलिस ने 14 घटनाओं का पर्दाफाश किया था।

क्यों बच निकलते सरगना

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि चोरी के आरोप में पकड़े गए बच्चों से ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाती है। झारखंड और बिहार से आए इनके सरगना लालच देकर चोरी कराते हैं। एक दिन में एक फोन की चोरी पर सौ से दो सौ रुपए के लालच में बच्चे चोरी करते हैं। पकड़े जाने पर इनकी मासूमियत पर तरस खाकर पब्लिक छोड़ देती है। शिकायत सामने आने पर पुलिस भी गैंग के पर्दाफाश की जहमत नहीं उठाती। इस वजह से इनके सरगना अक्सर बच निकलते हैं।