-हॉट कुक्ड योजना के लिए बैंक नहीं खोल रहे जीरो बैलेंस अकाउंट

-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व ग्राम प्रधान के संयुक्त खाते में योजना की राशि देने का है प्रावधान

सरकार ने बच्चों की हेल्थ को मजबूत करने के लिए सरकारी स्कूलों के बच्चों की तरह आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों को भी हॉट कुक देने का फैसला किया है। लेकिन बनारस में यह योजना साकार होती नहीं दिख रही है। इसकी पीछे वजह बैंकों में खाता न खुल पाना है। दरअसल हॉट कुक योजना के तहत दिए जानी वाली राशि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व ग्राम प्रधान के संयुक्त खाते में देने का प्रावधान है। विभाग के अधिकारियों का आरोप है कि यह सरकार की स्कीम में है। इसलिए खाते में भी सरकारी बैंक में जीरो बैलेंस में खुलने हैं। लेकिन बैंक अधिकारी खाते खोलने के लिए एक हजार रुपये जमा करने की मांग कर रहे हैं।

प्रति बच्चा 6 रूपया

योजना के तहत जिले में जितने भी सरकारी स्कूल के प्रांगण में या स्कूलों के आसपास आंगनबाड़ी केंद्र हैं। उन केंद्रों पर भी मिड-डे मील बांटा जाएगा। इसके लिए शासन की तरफ से मिड-डे मील बनाने वाले रसोइयों को प्रति बच्चा 50 पैसा अतिरिक्त शुल्क दिया जाना है। इसके अलावा प्रति बच्चा छह रुपये राशन के लिए दिया जाएगा। इस योजना के लिए ग्राम प्रधानों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का बैंक खाता खुलवाने को कहा गया है।

कई तरह के होंगे आहार

योजना के तहत जो भी केंद्र सरकारी स्कूल या उसके आसपास हैं, वहां हॉट कुक पहुंचाया जाएगा। मिड-डे मील में बच्चों को खिचड़ी, तहरी, मीठा दलिया नमकीन दलिया, दूध आदि दिया जाएगा। इसके अलावा प्री मिक्स खाने के पैकेट्स भी महिलाओं और बच्चों को घर ले जाने के लिए दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि इसका पैसा सीधे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व ग्राम प्रधानों के अकाउंट में जाएगा। अकाउंट खुलवाने का निर्देश तो पिछले माह ही दिया जा चुका है। लेकिन उनकी दलील है कि बैंक कर्मचारी बगैर पैसा खाता खोलने से इंकार कर रहे हैं। इस वजह से योजना को संचालित करने में दिक्कत आ रही है।

एक नजर

3914

आंगनबाड़ी केन्द्र है पूरे जिले में

991

आंगनबाड़ी केन्द्र है पूरे शहर में

3708

आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं जिले में

908

आंगबाड़ी कार्यकत्री है शहर में

3045

आंगनबाड़ी सहायिका हैं जिले में

842

आंगनबाड़ी सहायिका हैं शहर में

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वर्जन

इस योजना का पैसा सीधे प्रधान और संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के ज्वाइंट अकाउंट में आना है। लेकिन सरकारी बैंक जीरो बैलेंस अकाउंट खोलने से इंकार कर रहे हैं। बैंक में खाता खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है।

मंजू वर्मा, प्रभारी डीपीओ