- बाल बंदियों के बीच पहुंचे राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य

- संप्रेषण गृह का किया निरीक्षण, नशाखोरी पर स्टाफ को लिया आड़े हाथों

-बवाली चिह्नित, अन्य संप्रेषण गृह में होंगे शिफ्ट

-नए डीपीओ आशुतोष सिंह को डीएम पंकज कुमार ने कराया ज्वाइन

Meerut : बाल बंदियों को नशा उपलब्ध कराते हो, टाइम से खाना दो। बच्चों की बात सुनो, जल्दी-जल्दी डेट लगवाकर उन्हें रिहा कराओ। अगर बाल बंदियों को परेशानी हुई तो सब नपोगे। गुरुवार को सीएम अखिलेश यादव के दूत और उप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य राजकुमार चौधरी ने संप्रेषण गृह में बाल कैदियों से मुलाकात की।

यह था मामला

सोमवार रात्रि करीब 11 बजे डीजे न मिलने पर आक्रोशित बाल बंदियों ने बाल सदन की दीवार तोड़कर संप्रेषण गृह और सदन में जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की। 14 घंटे की कवायद के बाद बाल बंदियों को शांत किया गया तो वहीं पलायन कर रहे 13 किशोरों को पुलिस ने पकड़ लिया।

डेटॉल का साबुन दो

आयोग के सदस्य ने बाल बंदियों से वार्ता के बाद अफसरों की जमकर क्लास ली। उन्होंने कहा कि एक किशोर बकरी चोरी के आरोप में छह माह से कैद में है। विभागीय को चेताते हुए उन्होंने कहा कि मिलाई की शिकायत है। उन्हें नहाने के लिए डेटॉल का साबुन दो। क्या खाने बना है, इसकी जानकारी भी उन्होंने ली।

बाल बंदियों के बीच 'वयस्क'

उन्होंने नाराजगी जताई कि बाल संप्रेषण गृह और बाल सदन की हर एक वस्तु तोड़कर ध्वस्त कर दी। आई नेक्स्ट के सवाल आयोग के सदस्य ने सफाई देते हुए कहा कि बाल बंदियों और प्रोवेशन विभाग के बीच दूरियां हैं। आयोग की भूमिका महत्वपूर्ण है, अब बाल बंदियों के संपर्क में आयोग लगातार रहेगा। बाल बंदियों के बीच कुछ 'वयस्क' हैं, इसका खुलासा भी आयोग के सदस्य ने किया।

घटना की वजह गुटबाजी

मेरठ और बागपत के बाल बंदियों के बीच गुटबाजी भी सोमवार रात्रि की घटना की वजह रही है। उन्होंने कहा कि बाल बंदी युवा हैं, उन्हें गेम्स नहीं मिलते, काउंसलिंग की कमी है। मिलाई न होने की शिकायत भी बाल बंदियों ने की। उन्होंने कहा कि परतापुर स्थित कताई मिल का निरीक्षण भी उन्होंने किया। सदस्य ने आई नेक्स्ट को बताया कि यह साइट (कताई मिल) संप्रेषण गृह के लिए उपर्युक्त स्थान है। यहां ग्राउंड है, आसपास आबादी नहीं है। आयोग की अध्यक्षा जूही सिंह के माध्यम से सीएम तक पहुंचाया जाएगा। इस दौरान महिला कल्याण विभाग की प्रभारी डायरेक्टर आरती श्रीवास्तव, डीपीओ पुष्पेंद्र सिंह, नोएडा डीपीओ आदि मौजूद थे।

शिफ्ट होंगे बवाली

प्रोवेशन विभाग ने गुरुवार को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश होकर मेरठ के 12 बवाली किशोरों को सूबे के अन्य संप्रेषण गृह में शिफ्ट करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। वहीं एक टीम ने बागपत जाकर किशोर न्याय बोर्ड का दरवाजा खटखटाया। बता दें कि विभाग ने मेरठ और बागपत के 12-12 बवाली किशोर चिह्नित किए हैं। घटनाक्रम की जांच सिटी मजिस्ट्रेट केशव कुमार कर रहे हैं।

आशुतोष सिंह ने किया ज्वाइन

गुरुवार को मंडलीय उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी के पद पर आशुतोष सिंह ने कार्यभार संभाल लिया है। वे कानपुर में डीपीओ के पद पर थे, डीपीओ पुष्पेंद्र सिंह को मिर्जापुर भेजा गया है।

तीन बिंदुओं पर सीएम-डीएम

-संप्रेषण गृह को शिफ्ट किया जाए, दो विकल्प-परतापुर स्थित कताई मिल अथवा ड्रग वेयर हाउस। डीएम की रिकमंडेशन के साथ फाइल शासन में है।

-बाल बंदियों के बीच 'वयस्क' हैं। इन्हें चिह्नित कर मेडिकल कराया जाए। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी जुवेनाइल को जेलों में शिफ्ट किया जाए।

-ज्यूडीशियरी से रिक्वेस्ट किया जाए कि प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट की तैनाती मुकम्मल की जाए, जिससे प्रकरण की त्वरित सुनवाई हो सके।