RANCHI: मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय के डोरंडा हिनू स्थित शिशु भवन से रेस्क्यू किए गए बच्चे बगैर मेडिकल रिपोर्ट के ही बालाश्रय में रह रहे हैं। मेडिकल रिपोर्ट केवल एक बच्चा बुधनी का ही सौंपा गया है, अन्य की रिपोर्ट शिशु सदन में ही है।

17 दिनों बाद मांगी थी मेडिकल रिपोर्ट

जब सीडब्ल्यूसी को जानकारी हुई कि रेस्क्यू किए गए बच्चे बिना मेडिकल रिपोर्ट के हैं तो उनलोगों ने ई-मेल के माध्यम से शिशु भवन से 22 बच्चों से संबंधित चिकित्सा अभिलेख व टीकाकरण से संबंधित रिपोर्ट की मांग कर डाली। जबकि उक्त सभी बच्चों को छह जुलाई को ही रेस्क्यू किया गया था। मेल के जरिए बच्चों का दो दिनों के अंदर सीडब्ल्यूसी में रिपोर्ट देने की बात कही ग‌ई्र थी। मेल में यह भी कहा गया है कि छह जुलाई को शिशु भवन से बच्चे को सुरक्षा व अन्य कारणों से दूसरे बालाश्रय में स्थानांतरित किया गया है। हालांकि, अब तक सीडब्ल्यूसी को उन बच्चों की मेडिकल संबंधी रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है।

सिस्टर बोलीं-हम दो ही हैं, खुद ले जाएं रिपोर्ट

सीडब्ल्यूसी का मेल मिलने के बाद शिशु भवन में रहे रही सिस्टर्स ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट तैयार है। हमलोग दो ही हैें, इसलिए रिपोर्ट लेकर आने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए सीडब्ल्यूसी ही रिपोर्ट को ले जाए। बच्चों की मेडिकल से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर रखी गई है। लेकिन, चार अगस्त तक न तो बच्चों की मेडिकल रिपोर्ट शिशु भवन से भेजी गई और न ही सीडब्ल्यूसी द्वारा वहां से कलेक्ट किया गया है।

6 जुलाई को रेस्क्यू किए गए थे बच्चे

बच्चा बेचे जाने का मामला उजागर होने के बाद सीडब्ल्यूसी डोरंडा थाना पुलिस की मदद से छह जुलाई की शाम हिनू न्यू गांधीनगर स्थित शिशु भवन पहुंची थी और वहां से 22 बच्चों को हटा कर दूसरे बालाश्रय में भेजा गया था। टीम ने संस्था के रजिस्टर आदि की जांच की थी और जांच के क्रम में यह भी देखा गया कि सभी बच्चों का सीडब्ल्यूसी में रजिस्ट्रेशन हुआ है या नहीं।