RANCHI: रांची के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 2.5 लाख स्टूडेंट्स को मिलने वाली स्कूल किट की राशि के 15 करोड़ रुपए अधर में लटक गए हैं। डीसी राय महिमापत रे ने आदेश दिया था कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बैंक खाते में 30 मई से पहले स्कूल किट की राशि जमा करवा दी जाए, लेकिन डेटलाइन खत्म होने के बाद भी अभी तक इस दिशा में शिक्षा विभाग को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक बच्चे के कई बैंक खाते खुल गए हैं, जिसके कारण काफी परेशानी हो रही है। बच्चों को साइकिल के लिए अलग राशि मिलती है, स्कॉलरशीप की अलग राशि मिलती है तथा स्कूल किट के लिए आवंटन अलग से होता है, इसलिए बच्चों ने भी कई बैंकों में अपने खाते खुलवा लिए हैं, जो समस्या पैदा कर रहे हैं।

590-715 रुपए स्कूल किट की राशि

बच्चों के खाते में स्कूल किट के लिए अलग-अलग राशि का प्रावधान है। कक्षा 1 -5 तक के स्टूडेंट्स को जहां 590 रुपए की राशि का आवंटन होना है, वहीं कक्षा 6 -8 तक के स्टूडेंट्स को 715 रुपए दिए जाएंगे। इसमें नर्सरी की कक्षा से संबंधित दिशा-निर्देश भी जल्द जारी होने की संभावना है।

स्वच्छता अभियान में पिछड़ी राजधानी

स्वच्छता अभियान में भी रांची के स्कूल पिछड़ने लगे हैं। इस अभियान को कारगर रूप देने के लिए मुखिया पद पर बैठे लोगों को सहायता करनी होती है, लेकिन मुखिया की अनदेखी और उपेक्षा के कारण स्वच्छता अभियान फेल हो रहा है।

हर साल वापस हो जाते हैं 6 करोड़ रुपए

इस मद में आवंटित राशि में करीब 6 करोड़ रुपए हर साल वापस हो जाते हैं। प्रावधान है कि उन्हीं स्टूडेंट्स को इस मद में राशि का आवंटन किया जाए जिनका अटेंडेंस 50 परसेंट से ऊपर है। लेकिन हर वर्ष मात्र 2/3 स्टूडेंट्स का अटेंडेंस ही 50 परसेंट से ऊपर हो पाता है। नतीजन, करीब एक लाख बच्चों को मिलने वाली राशि वापस लौट जाती है।

नहीं बना सोप बैंक, कौन है जिम्मेदार

डीसी ने शिक्षा विभाग को आदेश दिया है कि सभी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में हाथ धोने की आदत डेवलप हो, इसके लिए सोप बैंक बनाया जाए। लेकिन रांची के तमाम स्कूल इस निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं। बच्चों के लिए सोप बैंक नहीं बन पाया है, लेकिन कोई भी इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।

वर्जन

काम अभी चल ही रहा है। जून माह के अंत तक पूरा प्रयास रहेगा कि बच्चों के खाते में राशि का आवंटन हो जाए। स्टूडेंट्स को मिलने वाले कई प्रकार के लाभांश के कारण वे लोग अपना खाता दूसरे कई बैंकों में खुलवा लिए हैं, जिन खातों से उनका आधार कार्ड लिंक है उन्हीं खातों में रुपए जाते हैं। इसलिए जांच चल रही है। जल्द ही खातों में रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे।

-शिवेन्द्र कुमार, डीएसई, रांची