साइंटिस्ट ने सलाह दी है कि मां बाप अपने बच्चों के उच्चारण में सुधार लाएं क्योंकि बच्चों को चार साल की उम्र का होने तक इस बात का पता नहीं लगता कि वे तुतलाते है.

छोटे बच्चों को नहीं पता- वे तुतलाते हैं..

डेनमार्क की एक यूनिवर्सिटी के एक ग्रुप ने रिसर्च में पाया है कि बच्चों को यह तो पता लगता है कि कोई शब्द कैसे बोला जाए पर उन्हें यह पता नहीं लगता कि वे गलत उच्चारण कर रहे हैं.

छोटे बच्चों को नहीं पता- वे तुतलाते हैं..

डेली टेलेग्राफ के मुताबिक रिसर्चर्स का कहना है कि छोटे बच्चों का उच्चारण सुधारने के लिए कुछ विशेष तरीके अपनाए जा सकते हैं.

चार साल से छोटे बच्चे अगर गलत उच्चारण करते हैं तो उन्हें पता लग जाता है कि वे गलत बोल रहें हैं जिसे वे सुधारने की भी कोशिश करते हैं.

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