एडहॉक इम्प्लाई होने से शासन को रोज नहीं भेजी जाती उपस्थिति की डिटेल

इसी के चलते सैलरी पर नहीं पड़ता कोई फर्क, नहीं उलझता कोई अफसर

ALLAHABAD: चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में संविदा पर तैनात डॉ। एडी तिवारी अपनी मर्जी के मालिक हैं। जब मन होता है हॉस्पिटल आते हैं और जब चाहे गायब रहते हैं। फिर भी उनकी सैलरी नही रुकती। हॉस्पिटल में तैनात कर्मचारियों की माने तो पूर्व डीजीएमआई यूपी से नजदीकियों का वह नाजायज फायदा उठाते हैं। साहब ने ही डॉ। तिवारी को कन्नौज मेडिकल कॉलेज में भी तैनात कर रखा है। एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा बैठाई गई जांच कमेटी से भी उन्हे ऐतराज है। उन्होंने कमेटी के मेंबर्स की योग्यता को लेकर सवाल तक उठा दिए हैं।

अलग रजिस्टर का उठाते हैं फायदा

शासन का आदेश है कि सुबह साढ़े आठ हाजिरी रजिस्टर को प्रतिदिन लखनऊ फैक्स कर दिया जाए, जिससे पता चल सके कौन कर्मचारी समय पर पहुंचा है कौन नही। हॉस्पिटल सोर्सेज का कहना है कि चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में कांट्रेक्ट कर्मचारियों का अलग से हाजिरी रजिस्टर बना हुआ है। जिसमें डॉ। तिवारी का नाम शामिल है। इसका फायदा उठाकर उनकी सैलरी हर महीने आसानी से रिलीज हो जाती है। इस रजिस्टर का फैक्स शासन को नही किया जाता है। हालांकि, हॉस्पिटल की एचओडी डॉ। अनुभा श्रीवास्तव ने इस आरोप को गलत बताया है।

मोडीफाई होगी कमेटी

बाल रोग विभाग के एमडी डॉक्टरों द्वारा डीजीएमई यूपी से डॉ। एडी तिवारी के खिलाफ शिकायत की गई थी। जिसमें कहा गया था कि वह एमडी डॉक्टरों को घर बुलाकर झाड़ू लगवाने के साथ चाय नाश्ते का इंतजाम करवाते हैं। उनसे परीक्षा के दौरान दस-दस हजार रुपए भी वसूले गए। इस पर शासन ने एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को मामले की जांच के आदेश दिए थे। जांच के लिए ईएनटी प्रो। मंगल सिंह की अध्यक्षता में पैथोलॉजी विभाग की हेड प्रो। वत्सला मिश्रा और चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की एचओडी सहायक प्रोफेसर अनुभा श्रीवास्तव की कमेटी बनाई थी। कमेटी ने शिकायतकर्ता छात्रों का बयान लेकर रिपोर्ट बना दी लेकिन डॉ। तिवारी ने कमेटी पर ऑब्जेक्शन लगा दिया। उनका कहना है कि वह प्रोफेसर पद हैं और डॉ। अनुभा सहायक प्रोफेसर होकर उनकी जांच कैसे कर सकती हैं। माना जा रहा है कि प्रिंसिपल प्रो। एसपी सिंह पुन: कमेटी को मोडीफाई कर जांच प्रारंभ कराएंगे। हालांकि, लखनऊ में एक मीटिंग होने के चलते प्रिंसिपल से हमारी इस बारे में कोई बात नही हो सकी।

कमेटी अपना काम कर रही है। जांच पूरी तरह गोपनीय है और इस बारे में आपको कुछ नही बताया जा सकता। इस बारे में सीधे प्रिंसिपल से जानकारी ली जा सकती है।

प्रो। मंगल सिंह,

एचओडी, ईएनटी विभाग एमएलएन मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद