RANCHI : 'निर्मल हृदय' में जन्म के बाद सिमडेगा की दंपती को बेची गई एक साल की बच्ची बरामद कर ली गई है। बच्ची को लेकर बुधवार को नाबालिग मां सहित अन्य लोग कोतवाली थाना पहुंचे। नाबालिग मां ने पुलिस को बताया कि उसकी बच्ची को सिमडेगा जिले के एक पूर्व विधायक के संरक्षण में रखा गया था। यह उसकी मर्जी से हुआ था। विधायक के बेटे और बहू बच्चे को पाल रहे थे। मैं भी आना-जाना कर उसका पालन-पोषण करती थी। बच्ची का सौदा नहीं हुआ था।

सीडब्ल्यूसी के हवाले बच्ची

बच्ची के सौंपने के बाद कोतवाली थानेदार श्यामानंद मंडल ने तुरंत बच्ची को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया। इसके बाद सीडब्ल्यूसी ने बच्ची को अपनी सुरक्षा में लेकर उसे शेल्टर होम में भेज दिया है। प्रत्यक्ष तौर पर बेचे गए चार बच्चों में तीन बरामद कर लिए गए हैं। इनमें एक उत्तरप्रदेश के दंपती के पास से, दूसरा मोरहाबादी के हरिहर सिंह रोड और तीसरा सिमडेगा की दंपती के पास से बरामद कर लिया गया है।

ऐसे सामने आया मामला

यह मामला भी अन्य बच्चों की बिक्री की तरह दब जाता। लेकिन विधायक की बहू शैलजा तिर्की को सौंपने में अनिमा इंदवार की भूमिका होने की वजह से मामला सामने आ गया। हालांकि अनिमा ने इस बच्ची कौ सौंपने में पैसे लेन-देन की बात नहीं स्वीकारी थी।

यहां से तीनों को अगल-बगल लेंगे

नाबालिग मां ने दिया शपथ पत्र

बच्ची की मां ने पुलिस को एक शपथ पत्र सौंपा है। इसमें कहा है कि उसने 24 जून 2017 को निर्मल हृदय आश्रम में रहते हुए सदर अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दी थी। बच्ची को जन्म देने के बाद उसने अपनी मां की परिचित महिला को सौंप दिया था। वह परिचित महिला मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सदस्य है। उसी ने अपनी बेटी को बच्चे को दे दिया था। ऐसा अपनी मर्जी से की थी।

बच्ची को लेने वाली शैलजा बोली, मैं मर जाउंगी

बच्ची को लेकर पालने वाली सिमडेगा निवासी शैलजा पुलिस व सीडब्ल्यूसी के समाने गिड़गिड़ाती हुई बोली मैं इस बच्ची के बिना मर जाउंगी। मुझे किसी भी हाल में बच्ची से दूर न करें। मुझे बच्ची के साथ रखा जाए। प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्ची को मुझे दें। बच्ची का उन्होंने नामकरण भी किया है।

मां से बिछड़ रोती रही बच्ची

बच्ची अपनी दो मां के बीच से बिछड़कर रोती रही। एक तरफ एक वर्ष से पालने वाली मां की ममता ललकार रही थी। दूसरी तरफ से जन्म देने वाली मां की ममता। दोनों मां बच्ची से दूर होती हुई दुखी थीं। जन्म देने वाली (बायोलॉजिकल मदर) ने सीडब्ल्यूसी के समक्ष बच्ची को सौंपने की मांग भी की। हालांकि कानूनी दांव पेच के बीच बच्ची को नियम से परे लेने का मलाल भी शैलजा में झलक रहा था। इधर बच्ची इस बात से अनजान थी कि क्या हो रहा, मासूम नजरों से देखती और रोती रही।