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DEHRADUN : उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सेलाकुई स्थित एक शराब के ठेके की कैंटीन पर बाल मजदूरी का मामला पकड़ा। वहां से 8 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। शराब ठेके की कैंटीन में इन बच्चों से शराब परोसने, खाना खिलाने एवं बर्तन धुलवाने का काम कराया जा रहा था।

टीम बनाकर की छापेमारी
बुधवार दोपहर बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी के नेतृत्व में श्रम विभाग, पुलिस की संयुक्त टीम सेलाकुई स्थित एक शराब ठेके पर पहुंची। यहां कैंटीन में आठ बच्चे मजदूरी कराई जा रही थी। बाल आयोग की टीम ने बच्चों से पूछताछ की तो कुछ बच्चों से बताया कि उनसे शराब परोसने का काम भी कराया जा रहा था, जबकि कुछ बर्तन धोते मिले। पूछताछ में पता चला कि यहां पांच और बच्चे भी काम करते हैं जो छुट्टी पर गए हैं। टीम ने बच्चों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति को इसकी सूचना दी।कुछ देर बाद मौके पर पहुंचे समिति के सदस्यों को बच्चे सौंप दिए गए।

सीडब्ल्यूसी को सौंपे गए बच्चे
आयोग ने बरामद किए सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द करते हुए बाल गृह भेजने के आदेश दे दिए हैं। श्रम विभाग को बार संचालक के खिलाफ बाल श्रम की संबंधित धाराओं में कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

बालगृह में होगी काउंसलिंग

इन बच्चों को बाल गृह भेजकर काउंसलिंग कराने को कहा गया। श्रम प्रवर्तन अधिकारी पिंकी टम्टा को कैंटीन संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को कहा गया। टीम में बाल आयोग सदस्य शारदा त्रिपाठी, सीमा डोरा, तहसीलदार प्रकाश शाह, एसओ सहसपुर नरेश राठौर, बचपन बचाओ आंदोलन के समन्वयक सुरेश उनियाल भी शामिल थे।

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