- यदि प्रस्ताव पर लग जाती मुहर तो न आती यह नौबत

- डीएम ने कहा कि शासन ने खारिज किया था प्रस्ताव

Meerut: शासन से प्रस्ताव खारिज न होता तो न फरार होते बाल बंदी। जी हां बाल सुधार गृह में बंद किशोरों की अराजकता को देखते हुए पूर्व में डीएम रहे नवदीप रिणवा ने एक प्रस्ताव शासन को भेजा था जिसमें उन्होंने बाल संप्रक्षण गृह को जिला कारागार में शिफ्ट करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे शासन ने खारिज कर दिया था। यदि यह प्रस्ताव पास हो जाता तो इस तरह की नौबत न आती।

क्या था प्रस्ताव

दरअसल मेरठ के बाल सुधार गृह में आए दिन होने वाली अराजकता से प्रशासन से लेकर शासन तक के अधिकारी भी तंग आ चुके थे। इस बात को दृष्टिगत रखते हुए डीएम ने प्रस्ताव में जिला कारागार में शिफ्ट करने का निर्णय लिया था। इसके लिए कारागार में अलग स्थान होने की बात भी थी। लेकिन इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था। यदि इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाती तो शायद इस तरह की वारदात देखने को नहीं मिलती। डीएम पंकज यादव ने बताया कि पहले डीएम ने एक प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उस प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिल पाई थी।