- बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी बीएसए को जारी किया आदेश

- बच्चों की माताओं की कमेटी बनाकर प्रधानाध्यापक करेंगे शिक्षित

LUCKNOW : परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के अभिभावकों खासकर माताओं को शिक्षित करने का जिम्मा बेसिक शिक्षा विभाग ने उठाया है। विभाग की ओर से स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए प्रदेश के सभी परिषदीय स्कूलों में माता समूह का गठन किया जाएगा। प्रधानाध्यापक इन समूहों की निरक्षर माताओं को शिक्षि्ात करेंगे।

एक समूह में छह माताएं

राजधानी में 1860 परिषदीय स्कूल हैं। इनमें एक लाख 95 हजार स्टूडेंट पढ़ते हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि शिक्षक स्कूलों की सभी गतिविधियां कराते हैं। उनके भार को कम करने के लिए परिषदीय स्कूलों में माता समूहों का गठन किया गया है। इन समूहों में स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट की माताएं शामिल हैं। एक समूह में छह माताएं हैं। इस योजना के तहत पहले यह देखा जाएगा की एक माता समूह में कितनी माताएं निरक्षर हैं। उनकी पहचान करने के बाद स्कूलों के प्रधानाध्यापकों द्वारा उन्हें साक्षर ि1कया जाएगा।

छात्र भी देंगे सहयोग

माता समूह को साक्षर करने के साथ-साथ परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को भी साक्षर किया जाएगा। इसके लिए विशेष अभियान चलाकर क्लास छह से आठ तक के स्टूडेंट्स को अपने अभिभावकों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। छात्रों को समझाया जाएगा की उनके मां-पिता का साक्षर होना कितना जरूरी है।

अभी िस्थति खराब

मौजूदा समय में परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बहुत से बच्चे ऐसे हैं जिनके अभिभावक नाम तक लिखना नहीं जानते हैं। इस योजना में ऐसे ही अभिभावकों को पढ़ाने के लिए बच्चों को प्रेरित ि1कया जाएगा।

तीन माह में करें साक्षर

बीएसए डॉ। अमरकांत सिंह ने निर्देश दिया है कि माता समूहों की महिलाओं व अभिभावकों को तीन माह में साक्षर बनाना होगा। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट रोजाना अपने माता-पिता को पढ़ाएंगे। सबसे पहले उन्हें हिन्दी वर्णमाला पढ़ाई जाएगी। इसके बाद नाम लिखना, सरल वाक्यों को पढ़ना आदि सिखाया जाएगा। यह योजना खंड शिक्षा अधिकारियों की देखरेख में चलेगी

कोट

बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से इस संबंध में आदेश प्राप्त हुआ है। इस प्रक्रिया को सभी स्कूलों में शुरू करने का आदेश जारी किया गया हैं।

- डॉ। अमर कांत, बीएसए