परिषदीय स्कूल में शुरू हुई अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षा

रंग-बिरंगे कपड़ों में स्कूल पहुंच रहे बच्चे

Meerut। सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के सरकार के तमाम प्रयास चौपट होते नजर आ रहे हैं। प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा मात्र खानापूर्ति बनकर रह गई हैं। इसकी बानगी आधी-अधूरी तैयारियों और अधूरे सिलेबस के साथ सोमवार को शुरू हुई अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षाओं में नजर आई। परीक्षाओं के लिए लंबी तैयारियों के बावजूद स्कूलों में समय से सिलेबस पूरा नहीं हो पाया और किताबें न होने की वजह से भी बच्चे तैयारी नहीं कर पाएं। पहली से आठवीं तक के छात्रों के लिए सोमवार से शुरू हुई इन परीक्षाओं में पहले ही दिन अधिकतर स्कूलों में बच्चे बगले झांकते नजर आए।

न यूनिफार्म, न जूते

लाखों रूपये खर्च करने के बाद भी सरकारी स्कूलों में विभाग बच्चों को यूनिफार्म और जूते नहीं दिला सका है। कई स्कूलों में बच्चे बिना यूनिफार्म और जूतों के ही परीक्षा देते हुए नजर आए। यही नहीं कई स्कूलों में बच्चें रंग-बिरंगे कपड़ों और चप्पलों में पहुंच रहे हैं। जबकि विभाग की ओर से लगातार यूनिफार्म और जूते वितरित किए जाने का दावा किया जा रहा है।

निरीक्षण में खामियां

सुबह साढ़े सात बजे से शुरू हुई परीक्षाओं का निरीक्षण करने खंड शिक्षा अधिकारी समेत कई अधिकारी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्कूलों का निरीक्षण भी किया। एबीएसए सूर्यकांत गिरि ने बताया कि उन्होंने तेजगढ़ी, मेडिकल कॉलेज, जय भीमनगर, प्रभात नगर, पुलिस लाइन आदि स्कूलों का निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल में कुछ खामियां मिली, जिन्हें दूर कर शिक्षकों को कड़ी निगरानी में परीक्षाएं करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं।