बायोफ्यूल से उड़ी कमर्शियल फ्लाइट

चीन में हैनन एयरलाइंस ने बेकार पड़े वनस्पति ऑयल से कमर्शियल फ्लाइट उड़ाने का करिश्मा किया है. अमेरिकन एयरक्राफ्ट कंपनी बोइंग द्वारा जारी बयान में कहा गया, 'हैनन एयरलाइन ने बायोफ्यूल यूज करके शंघाई से पेइचिंग के बीच उड़ान भरी।' इस फ्लाइट के लिए बायोफ्यूल प्रोवाइड कराने वाली कंपनी साइनोपेक ने अपने बयान में कहा, 'बोइंग 737 जहाज ने पारंपरिक जेट ईंधन और चीन में रेंस्त्राओं से जमा किए गए अपशिष्ट रसोई तेल बने बायोफ्यूल का 50-50 फीसदी इस्तेमाल किया।' बोइंग की स्पोक्सपर्सन ने बताया कि यह फ्लाइट शनिवार को पूरी की गई है.

बायो फ्यूल को कहते हैं गटर ऑयल

चीन में इस बायोफ्यूल को गटर ऑयल के नाम से भी जाना जाता है. पूर्व में स्थानीय चीनी मीडिया ने इसे निगेटिवली पेश किया था. इस पर साइनोपेक ने कहा कि बेकार समझी जाने वाली चीजों को भी बेहतर तरीके से यूज किया जा सकता है. कुछ दिनों पहले पर्यावरण पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'अंडर द डम' में साइनोपेक की निंदा की गई थी. कंपनी ने कहा,' यह साइनोपेक के वैज्ञानिक और तकनीकी नए विचारों को निरंतर आगे बढ़ाने और हरित एवं कम प्रदूषण पैदा करने वाले विकास को बढ़ावा देने के वादे को पूरा होने का प्रतीक है.'

कनाडा में भी हुआ था प्रयोग

इससे पहले कनाडा में साल 2012 में आस्ट्रेलिया क्वनतस एवं एयर कनाडा फ्लाइट्स में बायोफ्यूल को ट्राई किया गया था. लेकिन इन परिक्षणों में जेट ईधन की मात्रा अधिक थी. पिछले ही साल बोइंग ने अनाउंस किया था कि वह बायोफ्यूल के विकास में कमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना को सपोर्ट करेगी.

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