केशू हुआंग नाम के इस वैज्ञानिक पर आरोप है कि उसने दो अमरीकी कंपनियों के गोपनीय आंकड़े चुराकर चीनी शोधकर्ताओं के भेजे हैं। केशू ने अदालन में कीटनाशकों के बारे में गोपनीय जानकारी चीन भेजने की बात स्वीकारी थी।

केशू ने स्वीकार किया था कि डॉउ एग्रोसाइंसज़ में काम करते वक्त जिन कीटनाशकों की खोज में उन्होंने सहायता की थी, उनकी जानकारी चीन उन्होंने चीन के शोधकर्ताओं को बेच दी थी। उन्होंने ये माना था कि कार्गिल कंपनी के गोपनीय आंकड़े भी उन्होंने चीन भेजे थे।

केशू हुआंग को इंडियाना की एक अदालत ने सज़ा सुनाई है। उनपर लगे अभियोगों में 25 वर्ष तक की सज़ा हो सकती थी लेकिन उनके अपराध स्वीकार करने पर उन्हें 87 महीने की ही क़ैद की सज़ा सुनाई गई है।

इस मुकदमें में सरकारी वकील लैनी ब्रूयर ने कहा, "केशू हुआंग ने दो अमरीकी कंपनियों की बहुमूल्य गोपनीय जानकारी चुराई और इसे जर्मनी और चीन के कुछ लोगों को बेचा। आज के दौर में आर्थिक जासूसी एक गंभीर अपराध है और इसके लिए कड़ी से कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए। व्यापार से संबंधित गोपनीय जानकारी का संरक्षण हमारे देश की आर्थिक सफलता के लिए ज़रुरी है." अमरीकी अधिकारियों ने अमरीकी कंपनियों की गोपनीय जानकारी चीन जैसे देशों को मुहैया करवान पर चिंता व्यक्त की है।

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