अब तो सब्र की इंतहा है

- नेताओं के चुनावी मुद्दों और समस्याओं को लेकर गुस्से में है public

- चार लोगों के मिलते ही शुरू हो जा रही चुनावी चर्चा

ALLAHABAD: लोकसभा चुनाव की डेट क्लीयर होने से पहले राजनीतिक दलों का कैंपेन शुरू हो चुका है। जगह-जगह रैलियां हो रही हैं। कोई देश बचाओ-देश बनाओ की बात कर रहा है, तो कोई भ्रष्टाचार मिटाओ का नारा दे रहा है, ऐसे में पब्लिक के बीच में चुनावी माहौल और राजनीतिक दलों में चल रही उठा-पटक की चर्चा न हो, ऐसा नहीं हो सकता। संडे को सिटी में एक पार्टी की बड़ी रैली थी, यूपी के सीएम के साथ ही सरकार के कई मंत्री भी इलाहाबाद में मौजूद थे, जिसको लेकर सिटी में एक चुनावी माहौल क्रिएट हो चुका था। जगह-जगह लोगों को फुर्सत के पलों में चुनाव पर चर्चा करते हुए देखा गया। पब्लिक के बीच चल रही चुनावी चर्चा व हलचल को जानने के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर संडे को सुभाष चौराहा स्थित कॉफी हाउस पहुंचा, जहां चुनाव पर चर्चा शुरू हुई तो दूर तलक गई।

शिवाकांत- यारों, अब धीरे-धीरे चुनाव का माहौल गर्मा हो रहा है। रैली व सभाएं शुरू हो गई हैं।

लोकेश- हां, अब तुम भी तैयारी कर लो, चुनाव मैदान में उतरने के लिए। आज सपा सुप्रीमो आए हैं, कल नमो-नमो आएंगे, परसों युवराज का आगमन होगा।

शिवाकांत- अमा, हम चुनाव लड़ते नहीं बल्कि लड़ाते हैं। ये नेता हमसे पूछें तो बताएं कि चुनाव कैसे लड़ा जाता है और कैसे जीता जाता है।

शुभ्रांशु- यार शिवा, ये बताओ कि अगर तुम चुनाव मैदान में होते, किसी पार्टी से सांसदी लड़ने के लिए आते तो फिर क्या करते? तुम्हारा अहम मुद्दा क्या होता।

शिवाकांत- मेरा बस एक मुद्दा होता, और वह है डेवलपमेंट। डेवलेपमेंट से बड़ा मुद्दा कोई हो ही नहीं सकता। डेवलेपमेंट में सब कुछ शामिल हो जाता है।

शैंकी- अरे, तुमको मुद्दों और पब्लिक की समस्याएं दूर करने के लिए वादे करने की जरूरत क्या है, तुम तो जिस कास्ट से हो उस कास्ट का वोट इलाहाबाद में सबसे ज्यादा है। अगर पूरा कास्ट एकतरफा हो गया तो तुम्हारा चुनाव जीतना तय है।

राहुल- ओए शैंकी, सुनो ये कास्ट और क्षेत्रवाद के फैक्टर अब पुराने हो चुके हैं, पब्लिक अवेयर हो चुकी है। अब वह नेताओं के इस तरह के फैक्टरबाजी में आने वाली नहीं है। शिवाकांत क्या कोई और भी आ जाए तो वह कास्ट फैक्टर पर नहीं जीत सकता।

कमल- चलो, ठीक है तो तुम बताओ आखिर चुनाव कैसे जीता जा सकता है?

राहुल- शिवाकांत पहले ही बता चुका है, डेवलपमेंट। डेवलेपमेंट होगा तो फायदा हर कास्ट को होगा।

- सत्यम- सर, कास्ट फैक्टर और डेवलपमेंट से भी बढ़कर एक समस्या है, जिसका सामना पब्लिक रोज करती है और वह है, सड़क, बिजली, पानी, हेल्थ और साफ-सफाई।

कमल- बात तो सही है, तमाम मुद्दों में इस अहम मुद्दे को इग्नोर नहीं किया जा सकता है। मोदी हों या फिर आप सब बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, लेकिन इस मुद़दे पर उनका फोकस नहीं है।

असलम- सही कहा, अपना शहर देख लो पूरा शहर कूड़े कचरे के ढेर व गंदगी से बजबजाता रहता है। सड़कें खराब होती जा रही हैं।