-सुभाषनगर थाना में ही दर्ज की गई थी एफआईआर

-सुभाषनगर पुलिस ने 2,14,000 के नकली नोट पकड़े हैं

BAREILLY: जमीन की रजिस्ट्री के बहाने जाली नोट खपाने वाले तो सुभाषनगर पुलिस के हत्थे चढ़ गए। लेकिन पुलिस एटीएम में चूरन वाले नोट यानी चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया लिखे नोट डालने वालों का तीन महीने बाद भी सुराग नहीं लगा सकी है। इस मामले में बैंक ने नोट एटीएम में लोड करने वाली एजेंसी पर तो एजेंसी ने बैंक पर लापरवाही का आरोप लगाया था। इस मामले में 5 जून को धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई थी।

एक दूसरे पर लगाया था आरोप

बता दें कि 22 अप्रैल को खन्ना बिल्डिंग स्थित यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से 500 रुपए के चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया लिखे 2 ग्राहकों के 4 नोट निकले थे। नोट निकलने वालों ने इसकी शिकायत बैंक में की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। उसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा था। इस मामले में बैंक ने एटीएम में कैश लोड करने वाली कंपनी एसआईपीएल के कर्मचारियों पर आरोप लगाया था। जबकि कंपनी के कर्मचारियों से बैंक से रुपए लेकर लोड करने की बात कही थी। कई टीमें भी जांच करने आयी थीं लेकिन नतीजा सिफर रहा था। बैंक ने जांच के बाद 5 जून को एटीएम में रुपए डालने वाले कर्मचारियों सुनील और अनुज मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

सिर्फ सीसीटीवी फुटेज की ही जांच

केस की जांच एसएसआई बच्चू सिंह कर रहे हैं। वह भी अभी तक नहीं पता लगा सके हैं कि नोट आखिर डाले किसने थे। इस मामले की सीसीटीवी फुटेज देखी गई थी, जिसमें सिर्फ कर्मचारी नोट लोड करते नजर आए थे लेकिन यह नोट बदले कहां गए, इसका पता नहीं चला है। क्या किसी कर्मचारी ने रास्ते में नोट बदल दिए या फिर बैंक से ही नोट दिए गए, इसका कुछ भी नहीं पता चल सका है।

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अभी तक सप्लायर नहीं गिरफ्तार

वहीं ट्यूजडे को पकड़े गए जाली नोट के मामले में पुलिस ने सिर्फ मौके से ही 4 लोगों को पकड़ा है लेकिन सप्लायर के बारे में पता नहीं लगा सकी है। सप्लायर कल्लू पुत्र ईस्माइल है जो गौटिया सीबीगंज का रहने वाला है। हो सकता है कि कल्लू ही नोटों की सप्लाई का मास्टरमाइंड हो या फिर उसके ऊपर भी कोई हो जो उसके जरिए नोटों की सप्लाई कराता हो। हालांकि अब इस मामले की जांच सीबीगंज इंस्पेक्टर की करेंगे।